सत्यम कुमार/भागलपुर : भागलपुर यूं तो कतरनी चावल, कतरनी चूड़ा व जर्दालू आम के लिए खास है. अगर जिले के नवगछिया की बात करें तो केला व मक्का के लिए मशहूर है. लेकिन नवगछिया अब पेड़ा के लिए भी मशहूर होने लगा है. दरअसल, नवगछिया के खगड़ा चौक का पेड़ा खास है. खगड़ा चौक के समीप दो गुमटी है. इसका पेड़ा काफी मशहूर है. जो भी लोग यहां से गुजरते हैं वो इस पेड़ा का स्वाद जरूर लेते हैं. रोजाना 500 पीस पेड़े की बिक्री होती है. प्रति पीस 15 रुपया इसका दाम है. यहां पर भागालपुर, खगड़िया और आस पास जिलों से लोग पेड़ा लेने आते हैं.
यहां का दूध है काफी मशहूर
जब इसको लेकर वहां के दुकानदार मनोज कुमार मंडल से बात की गई तो उसने बताया कि यहां पर पहले पेड़ा नहीं बेचते थे. करीब 30 वर्ष पूर्व ही यहां पर दुकान खोले तो यहां पर झाल मुड़ी बेचना प्रारंभ किया. लोग खाने के लिए कुछ मीठा भी खोजने लगे. चुकी यहां का दूध काफी मशहूर है. लेकिन यहां पर मीठा क्या बनाते यह सोच रहे थे. तभी पेड़ा बनाने का आइडिया आया. पहले मात्र 10 केजी दूध का पेड़ा बना कर बेचना शुरू किया. तो बिकने लगा. आने जाने वाले लोग भी पेड़ा खाने लगे.
जब भी इधर के बस गुजरती तो यहां का पेड़ा लोग लेते. उनको खाने में अच्छा लगता था. इसका कारण पेड़े में बहुत कम मिठास का होना था. जब लोग आते तो इधर से केजी के रूप में पेड़ा का मांग करने लगे. तभी धीरे धीरे वृहद पैमाने पर पेड़ा बनाने लगा. उन्होंने बताया कि रोजाना 12 से 15 केजी तक पेड़ा बेच लेते हैं.
एक पेड़ा होता है 75 ग्राम का
दुकानदार मनोज कुमार ने बताया कि 60 केजी दूध को तब तक औंटा जाता है जब तक वह 10 केजी ना हो जाए. इसके बाद इसमें नाम मात्र की चीनी दी जाती है. फिर इससे पेड़ा बनाया जाता है. पहले 5 रुपया पीस पेड़ा बेचते थे. अभी 15 रुपये पीस बेचता हूं. 320 रुपये किलो के हिसाब से पेड़ा बेचता हूँ. वहीं जब ग्राहक से बात की गई तो उसने बताया कि यहां का पेड़ा काफी मशहूर है. इसका कारण है कि एक पेड़ा 70 से 75 ग्राम का होता है. इसलिए देखने के साथ साथ खाने में भी अच्छा लगता है. यहां का पेड़ा लोग दूर दूर तक ले जाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 11, 2023, 19:38 IST