उधव कृष्ण/पटना:- मिशन दक्ष अभियान के तहत पढ़ाई में कमजोर राज्य के 25 लाख बच्चों के लिए विशेष कक्षाएं शुरू करने का लक्ष्य रखा गया था. बता दें कि 01 दिसंबर 2023 से यह अभियान शुरू किया गया है. इसके पहले चरण में 16 लाख से अधिक पढ़ाई में कमजोर बच्चों की पहचान कर ली गयी थी. इसमें कक्षा 3 से 8वीं तक के ऐसे बच्चे शामिल किए गए थे, जो ठीक से पाठ नहीं पढ़ पाते हैं और जोड़-घटाव करने में भी सक्षम नहीं हैं. बाद में ऐसे बच्चों की संख्या और बढ़ती गयी. बड़ी संख्या में बच्चों ने स्वयं विशेष कक्षा में शामिल होने की इच्छा भी जताई. ऐसे बच्चों की संख्या अब 35 लाख पहुंच गयी है.
इन बच्चों का होगा अलग से मूल्यांकन
विभाग की ओर से निरंतर मिशन दक्ष की मॉनिटरिंग की जा रही है. मार्च में स्कूलों की वार्षिक परीक्षा हो जाने के बाद मिशन दक्ष में शामिल बच्चों का अलग से मूल्यांकन किया जाएगा. इसमें यह देखा जाएगा कि अभियान शुरू होने के समय की तुलना में बच्चों के ज्ञान में कितना इजाफा हुआ है. इस दौरान उनकी शैक्षणिक प्रगति में क्या बदलाव आए हैं. विभाग का साफ निर्देश था कि इस अभियान में पांच- पांच बच्चों का समूह बनाकर ही उन्हें पढ़ाना है. लेकिन बाद में बच्चों की संख्या मं बढ़ोत्तरी होता देख जिले ने विभाग से मार्गदर्शन मांगा था.
इसके बाद विभाग ने अनुमति दी है कि हर समूह में 7 से 8 बच्चों को रखा जा सकता है. इसमें प्रारंभिक के साथ ही माध्यमिक शिक्षकों को भी लगाया गया है. तीन चरणों में इस अभियान को पूरा करना है. पहले चरण में बच्चों की पहचान की गई है और दूसरे में इन बच्चों को अलग से पढ़ाया जा रहा है. वहीं तीसरे चरण में इन बच्चों के लिए विशेष परीक्षा ली जाएगी.
पाठ भी नहीं पढ़ पाते आठवीं के छात्र.
बता दें कि इस अभियान को लेकर शुरुआत में विभाग ने कहा था कि पदाधिकारियों के स्कूल निरीक्षण के दौरान उन्हें जानकारी मिली है कि 8वीं कक्षा के कई ऐसे बच्चे भी हैं, जो हिन्दी का पाठ भी ठीक से नहीं पढ़ पाते हैं. इस तरह की समस्या हर कक्षा के बच्चों की है. ऐसे में इन्हें साक्षर भी नहीं कहा जा सकता है. इसी को देखते हुए मिशन दक्ष की शुरुआत की गई है.
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FIRST PUBLISHED : February 7, 2024, 12:29 IST