पटना: बिहार में नीतीश कुमार पाला बदलने वाले हैं. लालू-तेजस्वी का साथ छोड़कर नीतीश कुमार एक बार फिर भाजपा संग सरकार बनाने को तैयार हैं. सूत्रों का कहना है कि नीतीश और भाजपा के बीच डील फाइनल हो चुकी है और नई सरकार का फॉर्मूला भी तय हो चुका है. नीतीश कुमार किसी भी वक्त इस्तीफा दे सकते हैं. सूत्र दावा कर रहे हैं कि नीतीश कुमार 28 जनवरी को भाजपा के साथ शपथ ग्रहण भी कर सकते हैं. मगर बिहार में हर पल बदलते सियासी घटनाक्रम में यह इतना आसान नहीं है. नीतीश के तेवर देख राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी प्रसाद सरकार बचाने की कवायद को लेकर मंथन शुरू कर चुके हैं. लालू प्रसाद यादव ने तो पहली चाल भी चल दी है.
दरअसल, बिहार में सरकार बनाने का मुकाबला फिप्टी-फिप्टी का है. भले ही ऐसा लग रहा हो कि नीतीश कुमार भाजपा संग मिलकर आसानी से बिहार में एडीए की सरकार बना लेंगे. मगर नंबर गेम में ऐसा होता आसान भी नहीं दिख रहा है. क्योंकि तेजस्वी यादव अगर जोड़-तोड़ की राजनीति करते हैं तो बिहार में मामला फंस जाएगा और पाला किसी भी ओर बदल सकता है. सीटों के लिहाज से राजद अब भी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है. लालू प्रसाद यादव ने अपनी पहली चाल चल दी है और जीतनराम मांझी पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं. राजद ने जीतनराम मांझी को डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिया है.
Bihar News: नीतीश कुमार का BJP संग जाना तय, बिहार में NDA सरकार बनने का यह होगा फॉर्मूला
लालू यादव ने चल दी है पहली चाल
दरअसल, नीतीश के सियासी चाल को पटखनी देने के लिए बिहार में जारी सियासी घटनाक्रम के बीच लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव बहुमत के जुगाड़ में जुट गए हैं. राजद ने जीतनराम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन को उपमुख्यमंत्री बनाने का ऑफर दिया है. फिलहाल, जीतनराम मांझी के पास चार विधायक हैं. इतना ही नहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM से भी राजद ने समर्थन मांगा है. बता दें कि ओवैसी के पास बिहार में एक विधायक है. साथ ही राजद को उम्मीद है कि उसे एक निर्दलीय का भी समर्थन मिलेगा. अगर जीतनराम मांझी और ओवैसी का राजद गठबंधन को समर्थन मिलता है तो तेजस्वी कुछ और जुगाड़ करके बिहार में बड़ा खेला कर सकते हैं और नीतीश का प्लान धरा का धरा रह सकता है.
तेजस्वी कैसे नंबर गेम में हो सकते हैं कामयाब
बिहार में किसकी कितनी ताकत है, इसे समझने के लिए सीटों का अंकगणित समझना बहुत जरूरी है. फिलहाल, बिहार में राजद के पास 79 सीटें हैं. कांग्रेस की 19, सीपीआई (एमएल) की 12, सीपीआई (एम) की 2 सीटों को मिलाकर राजद गठबंधन में सीटों का आंकड़ा 112 पहुंचता है. जबकि बिहार में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 122 है. अब अगर राजद जीतन राम मांझी की पार्टी हम के 4 विधायकों, एआईएमआईएम के 1 विधायक और 1 निर्दलीय विधायक को अपने पाले में लाने में सफल हो जाती है तो फिर राजद गठबंधन के पास कुल 118 सीटें हो जाती हैं. ऐसे में उसे बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए 4 और विधायकों की जरूरत है. अगर तेजस्वी किसी तरह जदयू के 4 विधायकों को तोड़ने में सफल हो जाते हैं तो फिर बिहार में कुछ और ही खेल हो सकता है.
नीतीश का क्या समीकरण
वहीं, दूसरी ओर नीतीश के साथ आने पर भाजपा गठबंधन यानी एनडीए का भी सरकार बनना आसान ही दिख रहा है. अभी राजद के बाद सबसे अधिक सीटें बिहार में भाजपा के पास है. एनडीए के घटक दल भाजपा के पास 78 और जीतनराम मांझी की हम के पास चार विधायक हैं. ऐसे में नीतीश की जदयू अगर एनडीए का हिस्सा हो जाती है तो एनडीए के पास 127 सीटें हो जाएंगी जो सरकार बनाने के लिए काफी हैं. बता दें कि बिहार में विधानसभा सदस्यों की संख्या 243 है और बहुमत का आंकड़ा 122 है. मगर तेजस्वी अगर जदयू को तोड़ने में सफल हो पाते हैं और हम को अपने पाले में ले आते हैं तो फिर नीतीश कुमार के लिए भाजपा संग सरकार बनाना आसान नहीं रह जाएगा. बहरहाल, बिहार की सियासत में कब क्या होगा, यह भविष्य के गर्भ में पल रहा है.
देखें किसके पास कितने विधायक
राजद- 79
भाजपा-78
जदयू-45
कांग्रेस-19
सीपीआई (एमएल)- 12
सीपीआई (एम)-2
हम- 4
एआईएमआईएम- 01
निर्दलीय-01
.
Tags: Bihar News, CM Nitish Kumar, Lalu Prasad Yadav, Nitish kumar, Tejashwi Yadav
FIRST PUBLISHED : January 26, 2024, 15:02 IST