उधव कृष्ण/पटना. पिछले कुछ साल में बिहार में मेडिकल और इंजीनियरिंग के कई कॉलेज खोले गए हैं. मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने के लिए तो मारामारी दिखती है, लेकिन इंजीनियरिंग कॉलेजों की सीटें आधी से ज्यादा खाली चली जा रही है. यह हाल तब है, जबकि राज्य सरकार के निर्देश पर इंजीनियरिंग कॉलेजों के शिक्षक अपने आसपास के इलाके में छात्रों को इस फील्ड में करियर बनाने के लिए अवेयर भी कर रहे हैं. इसके अलावा भी कई तरह के प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं. साल 2023 में बिहार के 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों की 13,675 सीटों में मात्र 5,733 सीटों पर ही एडमिशन हो सका. 07 हजार से अधिक सीटें खाली रह गई. इस बार भी 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों सहित आईआईटी और एनआईटी में 15,206 सीटों पर नामांकन होना है. बता दें कि सूबे में इंजीनियरिंग की तुलना में मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बहुत कम है.
मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी में स्टूडेंट्स की संख्या लगातार बढ़ रही है. हालांकि, 2014 के बाद देश में एमबीबीएस की सीटों में भी 112 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस दौरान मेडिकल पीजी सीटों की संख्या में भी 127 प्रतिशत तक का इजाफा किया गया है. देश के 706 मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 108940 सीटें हैं, जबकि 2014 से पहले एमबीबीएस की 51348 सीटें थी. देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2014 में 387 थी, जो बढ़कर 706 हो गई है. इसी तरह 2014 में पीजी की सीटें 31185 थी, जो अब बढ़कर 70674 हो गई हैं.
2965 सीट के लिए लाखों आवेदन
बिहार में नए सत्र से मेडिकल कॉलेजों में बढ़ी हुई सीटों पर नामांकन होगा. इस बार समस्तीपुर मेडिकल कॉलेज और छपरा मेडिकल कॉलेज में 100-100 सीटों पर नामांकन लिया जाएगा. एनटीए ने नीट यूजी 2024 के लिए आवेदन की प्रक्रिया अंतिम दौर में है. बता दें कि इस बार करीब 2965 सीटों पर दाखिला होगा. बिहार में नए आरक्षण नियमों के तहत दाखिला होगा. हालांकि, अभी इसका पत्र बीसीईसीईबी को नहीं मिला है. बिहार के मेडिकल कॉलेजों में छात्राओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें पहले से ही आरक्षित हैं. बिहार से मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के लिए करीब एक लाख से अधिक अभ्यर्थी आवेदन करते हैं. पिछली बार देशभर से 22 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था.
बिहार के 35 शहरों में होगी परीक्षा
इस साल राज्य के 35 शहरों में परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे. पहले आवेदन देने वालों को केंद्र आवंटन में वरीयता दी जाएगी. बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड, सहित हिंदी पट्टी वाले राज्यों के केंद्रों में अंग्रेजी, अंग्रेजी व हिंदी और अंग्रेजी व उर्दू में प्रश्न पत्र होंगे. अंग्रेजी विकल्प चुनने वाले अभ्यर्थी को सिर्फ अंग्रेजी में ही प्रश्न पत्र मिलेंगे. हिंदी विकल्प होने पर अंग्रेजी व हिंदी और उर्दू विकल्प पर उर्दू व अंग्रेजी में प्रश्न पत्र होंगे. बिहार के अभ्यर्थी यदि बांग्ला भाषा का विकल्प चूज करते है, तो उनका केंद्र पश्चिम बंगाल, अंडमान व त्रिपुरा में होगा.
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FIRST PUBLISHED : March 9, 2024, 15:36 IST