बिहार में फिर एक बार नौकरी पर गरमाई सियासत, RJD-JDU आमने सामने

Patna:

Bihar Politics News: एक तरफ बिहार की सियासत दिन-ब-दिन गर्म होती दिख रही है तो वहीं दूसरी तरफ बिहार में पक्ष-विपक्ष के द्वारा बयानबाजियों का दौर भी शुरू है. इस बीच, जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने सोमवार को कहा कि बिहार में सात निश्चय के तहत लाखों लोगों को नौकरियां दी गई हैं और राजद को नौकरियों के बारे में झूठे वादे करना बंद करना चाहिए. जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि राजद के लोगों का मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया है, इसलिए वे नीतीश कुमार के काम को अपना बता रहे हैं. वहीं सभी जानते हैं कि 2020 में नीतीश कुमार ने 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार की बात कही थी.

आपको बता दें कि इसके तहत बिहार में शिक्षा, पंचायती राज, स्वास्थ्य, पुलिस आदि विभागों में लाखों युवाओं को नौकरियां दी गईं. युवाओं को दिया गया फायदा राजद को चुभने लगा था. साथ ही बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है कि राजद के लोग जमीन के बदले नौकरी देने में कैसे विश्वास रखते हैं.

‘तेजस्वी ने खींच दी है बड़ी लकीर, कोई नहीं कर पाएगा छोटा’ – राजद

वहीं, आपको बता दें कि राज्य में नई सरकार के गठन के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद से प्रवर्तन निदेशालय की लंबी पूछताछ के बीच राष्ट्रीय जनता दल ने बयान जारी कर कहा कि, ”जिसे जो साजिश रचना है रच लें, जिस एजेंसी को लगाना है लगा लें, लेकिन सच्चाई यह है कि तेजस्वी यादव ने 17 महीने में अपने काम से जो लकीर खींच दी है उसे कोई छोटा नहीं कर पाएगा.” बता दें कि राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने सोमवार को एक बयान जारी कर यह बात कहा कि, ”सरकार गठन के महज कुछ घंटों के बाद ही एक सोची समझी साजिश के तहत राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को परेशान करने के लिए पूछताछ के नाम पर घंटों बिठाकर रखा जाता है.”

‘काम के आधार पर भविष्य की बुनियाद’ – शक्ति सिंह

वहीं आपको बता दें कि आगे उन्होंने कहा कि, ”एक बीमार व्यक्ति के साथ ऐसा बर्ताव करने के पीछे जो साजिश है, जनता उसे समझ रही है.” आगे शक्ति ने कहा कि, ”जनता तो मालिक होती है और काम के आधार पर भविष्य की बुनियाद तय करती है. महागठबंधन की सरकार में बतौर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जो लकीर खींच दी है वह अन्य दलों के लिए बड़ी चुनौती है.” साथ ही उन्होंने कहा कि, ”जिस जांच एजेंसी को लगाना है लगा लें, जिस बुजुर्ग को परेशान करना है कर लें, जहां पलटना है पलट लें. हम अपने सम्मान में कोई कमी नहीं आने देंगे. चुनाव आ रहे हैं हमारी मालिक जनता अपना फैसला सुनाएगी और तय करेगी कि सत्ता के लोभ में पटल जाने वालों के साथ रहेगी या विकास की लकीर खींचने वालों के साथ.” अब शक्ति सिंह के इस बयान से बिहार की सियासत और गरमा गई है.

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