बिहार में नए रिजर्वेशन बिल पर पर अपडेट: गजट में प्रकाशन के बाद अगली नियुक्तियों में मिलेगा फायदा

हाइलाइट्स

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने नया आरक्षण बिल पर लगाई मुहर.
राज्यपाल के हस्ताक्षर के साथ हीबिहार में प्रभावी हो गया नया आरक्षण.
बिहार सरकार की अगामी नियुक्तियों में अभ्यर्थियों को मिलेगा फायदा.

पटना. बिहार में आरक्षण को अमल में लाने के लिए कवायद तेज कर दी गई है. बिहार में 75 फीसदी वाला बिल विधानसभा और विधानपरिषद दोनों से पारित होने के बाद राज्यपाल के पास भेजा गया था. ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने भी बिल पर हस्ताक्षर कर दिया. हालांकि, इसकी अधिसूचना गजट में अभी प्रकाशित नहीं हुई है. बिहार विधामंडल के दोनों सदनों से 10 नवंबर को सर्वसम्मति से पारित आरक्षण संबंधी विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद गजट में प्रकाशित होगा और इसके बाद ही नया कानून प्रभाव में आ जाएगा.

राज्यपाल के हस्ताक्षर के साथ ही सरकारी नियुक्तियों में आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को आरक्षण की बढ़ी हुई सीमा का लाभ मिलने लगेगा. फिलहाल यह विधेयक गजट में प्रशासन के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के पास पहुंच चुका है. सरकारी सेवाओं के अलावा शिक्षण संस्थानों के नामांकन में भी आरक्षण का दायरा बढ़ा दिया गया है. अब सेवाओं और नामांकन में आरक्षण सीमा बढ़ाने वाले विधेयकों की मंजूरी के साथ ही अनुसूचित जाति को 20, अनुसूचित जनजाति को 2, अति पिछड़ों को 25 और पिछड़ों को 18 प्रतिशत आरक्षण मिलने लगेगा. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को पहले से ही 10 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है.

बिहार में नए रिजर्वेशन बिल पर पर अपडेट: गजट में प्रकाशन के बाद अगली नियुक्तियों में मिलेगा फायदा

इस तरह राज्य की सेवाओं और सरकारी शिक्षण संस्थानों में अनारक्षित श्रेणी की 25 प्रतिशत सीटें बचेंगी. इन्हें भरने के लिए खुली प्रतिस्पर्धा होगी, जिसमें सभी वर्ग के अभ्यर्थी शामिल होंगे. ये विधेयक विधानसभा में नौ और विधान परिषद में 10 नवंबर को सर्वसम्मति से पारित किए गए थे. इसके बाद विधान परिषद ने विधेयक पारित होने की सूचना विधानसभा को दी. फिर विधानसभा से सभी विधेयक एक साथ राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजे गए थे. सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार के विधि विभाग की सलाह भी राजभवन को भेज दी गई थी.

दरअसल, यह एक तरह की औपचारिकता होती है, जिसमें विधि विभाग पत्र के माध्यम से राज्यपाल को सलाह देता है कि विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेजा जा सकता है और राज्यपाल किन विधेयकों पर दस्तखत करने के लिए सक्षम हैं. सूत्रों की माने तो क्योंकि दोनों आरक्षण की सीमा का विस्तार राज्य की सेवाओं के लिए किया गया है, इसलिए राज्यपाल इस पर हस्ताक्षर करने के लिए सक्षम थे. शिक्षण संस्थानों में नामांकन का विषय भी राज्य की सीमाओं से ही जुड़ा है.

Tags: Bihar Government, Bihar News, Caste Reservation, CM Nitish Kumar, Nitish Government, Reservation news

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