बिहार में जिन एक लाख बच्चों का स्कूल से कटा नाम, उनको इस शर्त पर मिल सकता है दोबारा दाखिला

सच्चिदानंद/ पटना. शिक्षा विभाग में केके पाठक का एक्शन अब जमीन पर भी दिखने लगा है. नतीजा यह हुआ कि पिछले 10 दिनों में राज्य के सरकारी विद्यालयों में एक लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का नाम काटा गया है. यह वो विद्यार्थी थे, जो एक साथ दो स्कूलों में नामांकित थे. नामांकन डुप्लिकेसी खत्म करने और योजनाओं के गलत लाभ लेने को लेकर यह कार्रवाई की गई है. अक्सर जिलों में यह देखा जाता है कि विद्यार्थी रेगुलर पढ़ने तो प्राइवेट स्कूलों में जाते हैं, लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकारी स्कूल में भी नाम लिखवाए रखते हैं. इस परिपाटी को खत्म करने के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने आदेश दिया है कि लगातार 15 दिनों तक विद्यालय नहीं आने वाले बच्चों का नामांकन रद्द कर दें. इसी आदेश के अनुसार यह कारवाई की गई है.

दोबारा स्कूल आने के लिए करना होगा यह काम

जिन एक लाख विद्यार्थियों का नाम काटा गया है, वे चाहें तो दोबारा स्कूल आ सकते हैं. लेकिन इसके लिए बच्चों के अभिभावक से शपथ-पत्र लिया जाएगा. अभिभावक लिखित रूप से एक शपथ- पत्र विद्यालय को देंगे. जिसमें लिखा होगा कि उनका बच्चा नियमित रूप से अब विद्यालय आएगा और किसी दूसरे स्कूल में नामांकित नहीं होगा. इसके बाद बच्चे का दोबारा नामांकन हो सकेगा और सरकारी स्कूलों में मिलने वाली योजनाओं का लाभ भी मिल सकेगा. आपको बता दें कि लगातार तीन दिनों तक विद्यालय नहीं आने वाले बच्चों को सबसे पहले नोटिस दिया जा रहा है. साथ ही उनके अभिभावक से शिक्षक बात भी कर रहे हैं और बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं. इसके बाद भी लगातार 15 दिनों तक विद्यालय नहीं आने वाले बच्चों का नामांकन रद्द कर दिया जा रहा है.

पश्चिम चंपारण और अररिया नाम काटने में सबसे आगे

शिक्षा विभाग को जिलों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 13 सितंबर तक एक लाख, एक हजार 86 बच्चों का नाम काटा गया है. इन आंकड़ों में अभी और बढ़ोतरी होने की संभावना है. यह रिपोर्ट बताती है कि पश्चिम चंपारण और अररिया जिले में सबसे अधिक करीब दस-दस हजार बच्चों का नाम काटा गया है. वहीं, पटना में सात हजार बच्चों का नाम कटा है, जिनमें चार हजार ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालय के हैं. रिपोर्ट यह भी बताता है कि माध्यमिक, उच्च माध्यमिक की अपेक्षा प्रारंभिक विद्यालयों में अधिक बच्चों का नाम काटा गया है. इनमें सबसे अधिक 14,875 पांचवी और 14,299 चौथी कक्षा के बच्चे हैं.

Tags: Bihar education, Hindi news, Local18, PATNA NEWS

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *