विशाल कुमार/छपरा. बिहार में एशियाई जलपक्षी जनगणना का पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग ने रिपोर्ट प्रकाशित की है. जिसमें सारण जिला अंतर्गत अवस्थित अटानगर चंवर, बहियारा चंवर, हल्दिया चंवर और फुरवारिया चंवर है. यहां जनवरी-फरवरी माह में पक्षियों की गणना सारण वन प्रमंडल द्वारा की गई थी. इस वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार सारण जिला अंतर्गत कुल 98 प्रजाति की पक्षियों की मौजूदगी दर्ज की गई. हर साल एशियाई जलपक्षी जनगणना होती है. जिसमें पूरे एशिया के आद्रभूमि में जलपक्षी की गणना की जाती है. इस जनगणना के द्वारा प्रत्येक आद्रभूमि में कितने तरह के जलपक्षी है. इससे उन आद्रभूमि की गुणवत्ता का भी पता चलता है.
वन प्रमंडल पदाधिकारी रामसुंदर ने बताया कि 1246 जल पक्षियां है. सारण में 68 जल में रहने वाली पक्षियां मिली है जबकि 190 पक्षियां भूमि पर वास करती है. वहीं, प्रवासी पक्षियों की संख्या 37 है. कॉमन पोचर्ड और फेरुजिनस बत्तख मध्य एशिया और फ्लाईवे प्रवासी पक्षी है. उसे भी सारण जिला में हुए गणना के दौरान शामिल किया गया. बिहार में सर्वाधिक पक्षियों की प्रजाति आद्रभूमि में मिली है. 10 प्रमुख स्थलों में बहियरा चौर का स्थान 8वें नंबर पर है.
पक्षियों का रहता है अहम योगदान
वन प्रमंडल पदाधिकारी रामसुंदर ने बताया कि पक्षी गणना रिपोर्ट के अनुसार हमारे यहां कई दुर्लभ पक्षी है, जिन्हें बचाना बेहद जरूरी है. इन पक्षियों के रहने से किसान और आम जनता को भी फायदा है. उन्होंने बताया कि कई प्रवासी पक्षी भी सारण में रह रहे हैं. सारण जैसे जिले में जहां वन क्षेत्र काफी कम है, वहां पक्षी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. पक्षी परागण में मदद करते हैं और फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों की आबादी को नियंत्रित रखते हैं. जैव विविधता को संतुलित करते हैं और स्वस्थ पर्यावरण के संकेतक के रूप में कार्य करते हैं. इस सर्दी के मौसम में सारण वन प्रमंडल प्रवासी पक्षियों के महत्व के बारे में स्कूल और कॉलेज के छात्रों तक पहुंचाएगा.
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FIRST PUBLISHED : October 19, 2023, 12:28 IST