बिहार में क्यों नहीं हो पा रहा मंत्रियों के विभागों का आवंटन, कहां फंस रहा पेंच? आया ये बड़ा अपडेट

महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई बिहार सरकार को शपथ लिए लगभग एक सप्ताह हो गया है। जनता परिवार के 70 वर्षीय दिग्गज नेता ने दो उपमुख्यमंत्रियों और छह अन्य मंत्रियों के साथ पटना में शपथ ली। नए शपथ लेने वाले मंत्रियों को विभागों का आवंटन नहीं किया गया है। यही कारण है कि इसकी खूब चर्चा हो रही है। राष्ट्रीय जनता दल ने तो पोर्टफोलियो आवंटन और कैबिनेट विस्तार पर निर्णय लेने में ‘अक्षमता’ के लिए सत्तारूढ़ एनडीए सरकार का मजाक उड़ाया।

देरी पर सवाल पूछे जाने पर, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि कैबिनेट विस्तार और पोर्टफोलियो आवंटन दोनों सीएम का विशेषाधिकार है। उन्होंने कहा कि यह (कैबिनेट पोर्टफोलियो आवंटन) जल्द ही होगा। सीएम (नीतीश कुमार) को इस पर निर्णय लेना होगा और यह (कैबिनेट पोर्टफोलियो आवंटन) जल्द ही होगा… निश्चित रूप से, (कैबिनेट का) विस्तार होगा। उन्होंने जौर देते हुए कहा कि इन चीजों से बिना किसी परेशानी के निपटा जाएगा। राजद को अपना ट्रैक रिकॉर्ड याद रखना चाहिए। 1995 में उसने केवल 12 मंत्रियों के साथ लगभग डेढ़ साल तक सरकार चलाई थी। 

बिहार कैबिनेट विस्तार पर एनडीए सहयोगी पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि 5 फरवरी को कैबिनेट विस्तार होगा और उसी दिन विभागों का बंटवारा भी हो जाएगा। मैं शुरू से ही कह रहा हूं कि अगर निर्दलीय विधायकों को विभाग दिया ही जाता रहा है तो हम के पास पांच विधायक हैं तो हमें तो 2 विभाग मिलना ही चाहिए। राज्य में 5 फरवरी तक कैबिनेट विस्तार हो जाएगा तो इसमें देरी नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि हम 44 साल से राजनीति में हैं। बिहार में जब भी मंत्रिमंडल का गठन होता है तो आमतौर पर उसी दिन शाम तक विभागों का बंटवारा या विस्तार हो जाता है। 

गुरुवार (1 फरवरी) को मामले पर जारी एक संशोधित अधिसूचना के अनुसार, बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नवगठित एनडीए सरकार 12 फरवरी को बजट सत्र के उद्घाटन दिवस पर विश्वास मत हासिल करेगी। जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को रिकॉर्ड नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, उन्होंने महागठबंधन और विपक्षी गुट इंडिया को छोड़कर भाजपा के साथ एक नई सरकार बनाई, जिसे उन्होंने 18 महीने से भी कम समय पहले छोड़ दिया था। नए अध्यक्ष का चुनाव, जो राजद के अवध बिहारी चौधरी का स्थान लेंगे, भी 12 फरवरी को निर्धारित है और इसी दिन राज्य आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया जाएगा।

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