पटना. बिहार में नीतीश कुमार की सरकार रहेगी या जाएगी? क्या तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री बन पाएंगे? क्या भाजपा और जदयू की एकता का गणित गड़बड़ हो जाएगा? इन सब सवालों का जवाब जल्दी ही मिल जाएगा. दरअसल, ये सवाल तब उठने शुरू हो गए थे जब जदयू की विधायक शालिनी मिश्रा के साथ ही सुदर्शन, दिलीप राय, डॉ संजीव, बीमा भारती और गुंजेश्वर शाह के जदयू की रविवार की मीटिंग से गायब रहने की खबरें आईं. सियासी हलचल तेज हुई तो इसके बाद जदयू खेमा हरकत में आया और रात-रात तक सब सेट कर लिया और जदयू के सभी 45 विधायक पार्टी के कैंप में आ गए हैं. अब दावा किया जा रहा है कि नीतीश सरकार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट लेगा. हालांकि, इसके पहले सबकी निगाहें स्पीकर अवध बिहारी चौधरी पर टिकी हैं कि आखिर वह क्या करेंगे और उनके साथ क्या होगा?
बता दें कि स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर आज विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच शक्ति परीक्षण होना है. दोनों ओर से तैयारियां हो चुकी हैं. नीतीश सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने दावा किया है कि नीतीश सरकार सदन में बहुमत साबित कर लेगी, लेकिन इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष को हटाने का प्रस्ताव आएगा और इसमें भी सरकार के पक्ष की जीत होगी. विजय चौधरी ने स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को उनके पद से हटाने की पूरी कार्ययोजना भी मीडिया के समक्ष बताया.
विजय चौधरी ने कहा, आज विधानमंडल की कार्यसूची में सबसे पहले राज्यपाल महोदय का अभिभाषण होगा. इसे बाद विधान सभा में पहला प्रस्ताव माननीय विधान सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को हटाने का होगा. इसपर सदन में चर्चा होगी. विजय चौधरी ने बताया कि स्पीकर के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चा के संपादित करने के नियम प्रावधानित हैं. विजय चौधरी ने इस प्रस्ताव की पूरी प्रक्रिया समझाई.
विजय चौधरी के अनुसार, सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष सदन में पूछेंगे कि कितने लोग अध्यक्ष को हटाने के प्रस्ताव का समर्थन करते हैं? नियमावली स्पष्ट कहती है कि कम से कम 38 सदस्यों को उसका समर्थन करना है. अगर 38 सदस्य इसका समर्थन करते हैं, या उससे अधिक करते हैं तब नियमावली या संविधान के अनुसार, वह प्रस्ताव वैधानिक रूप से स्वीकृत हो जाता है. इसके बाद संविधान या नियमावली अपेक्षा करता है कि अध्यक्ष यह कहे कि चूंकि हमको हटाने का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है इसलिए मैं अब यह आसन खाली करता हूं, जबतक कि हमारे विरुद्ध या हटाने का प्रस्ताव सदन से निरस्त नहीं हो जाता है तब तक मुझे इस कुर्सी पर नहीं बैठना है.
विजय चौधरी ने बताया कि इसके बाद स्पीकर आसन खाली करेंगे और इसके बाद विधानसभा के उपाध्यक्ष सदन की अध्यक्षता करेंगे. वह विधान सभा अध्यक्ष को हटाने का प्रस्ताव लेंगे और उस पर जिन सदस्यों को जो कहना होगा वह कहेंगे. इसके उपरांत इस प्रस्ताव पर मतदान होगा. विजय चौधरी ने दावा किया कि स्वाभाविक रूप से 243 सदस्यीय विधानसभा में हमलोगों की संख्या 128 है, इसलिए हमारा प्रस्ताव हर हाल में विधान सभा से पारित होगा, यानी अध्यक्ष अपने पद से हट जाएंगे.

विजय चौधरी ने आगे बताया कि इसके बाद उपाध्यक्ष अगला एजेंडा सरकार के विश्वासमत का सदन के सामने रखेंगे. इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे. इसके बाद नेता विरोधी दल बोलोंगे, फिर विभिन्न दलों के नेता चर्चा करेंगे और सरकार उत्तर देगी फिर मतदान होगा. विजय चौधरी दावा किया कि हमलोगों की जीत होगी. विजय चौधरी ने रविवार को जदयू की बैठक को लेकर दावा किया कि वह आश्वस्त हैं कि उनके पास बहुमत है. हमारी संख्या 128 है और हमलोग जीत के प्रति आश्वस्त हैं. बता दें कि विधानसभा की सदस्यता जाने पर स्पीकर पद से हट सकते हैं. इसके साथ ही बहुमत से प्रस्ताव पास कर स्पीकर को हटाने का प्रावधान है. वहीं स्पीकर स्वयं उपाध्यक्ष को संबोधित कर इस्तीफा दे सकते हैं
विजय चौधरी ने रविवार को कुछ जदयू विधायकों के मीटिंग से गायब रहने को लेकर दावा किया कि हमारे सभी विधायक लगभग उपस्थित थे, और जो नहीं थे उन्होंने सूचना कर दी थी कि वो लोग सभी पहुंच रहे हैं. हमारा विधानसभा में बहुमत है. बता दें कि दूसरी ओर आरजेडी के विधायक अपने नेता तेजस्वी यादव के आवास पर शनिवार रात से ही डेरा डाले हुए हैं. वहीं, भाजपा, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और कांग्रेस समेत वामदलों के सभी विधायकों को भी अपने-अपने कैंप में एकजुट रखने की कवायद जारी है.
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FIRST PUBLISHED : February 12, 2024, 08:53 IST