बिहार जातिगत गणना: क्या केंद्र के दांव से महागठबंधन का सियासी एजेंडा कमजोर हुआ?

हाइलाइट्स

केंद्र ने नहीं किया जातिगत सर्वे का विरोध, राजद-जद यू की मंशा पर पानी फिरा!
जातीय सर्वे पर हलफनामा देकर केंद्र ने विरोधियों की हवा निकाली-सुशील मोदी.
भाजपा बिहार में सर्वे के पक्ष में, सेंसस (जनगणना) केंद्र का अधिकार-सुशील मोदी.
पटना हाईकोर्ट ने BJP के मत की पुष्टि की थी, सर्वे का दिया था आदेश-सुशील मोदी.

पटना. बिहार जातिगत सर्वे के मामले में केंद्र सरकार ने नया हलफनामा दायर कर उस पैराग्राफ 5 को हटा लिया है, जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार के अलावा कोई और संस्था जनगणना या जनगणना जैसी कोई प्रकिया नहीं करा सकती. इस नए हलफनामे में “जनगणना जैसी किसी अन्य प्रक्रिया’ शब्द को हटा दिया गया है. ये इसलिए गौर करने लायक है कि क्योंकि बिहार सरकार का इस पूरे मसले पर यही स्टैंड है कि वो जनगणना तो करा ही नहीं रही है, वो सिर्फ जातिगत सर्वे करा रही है. ऐसे में भाजपा का कहना है कि केंद्र सरकार के फैसले ने महागठबंधन सरकार द्वारा भाजपा पर लगाए जा रहे आरोपों की हवा निकाल दी है.

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि जातीय सर्वे पर हलफनामा देकर केंद्र ने विरोधियों की हवा निकाली सेंसस ( जनगणना) के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को संशोधित शपथ देकर केंद्र सरकार में बिहार में जातीय सर्वे का मार्ग प्रशस्त कर दिया और साथ ही राजद-जद यू के मनगढ़ंत आरोपों की हवा निकाल दी. भाजपा सांसद ने कहा कि राजद-जदयू का नेतृत्व उम्मीद कर रहा था कि केंद्र सरकार बिहार में हुए जातीय सर्वे का विरोध करेगी, जिससे भाजपा और केंद्र सरकार को जातीय सर्वे के बहाने पिछड़ा-विरोधी बताने का इन्हें मौका मिलेगा, लेकिन बिल्लियों के भाग्य से छींका नहीं टूटा.

सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने साफ कर दिया कि सेंसस (जनगणना) कराना केंद्र सरकार का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन जातीय सामाजिक-आर्थिक सर्वे राज्य सरकारें भी करा सकती हैं. सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में भाजपा सहित सभी दलों की सहमति से 17 बिंदुओं पर जो आंकड़े जुटाए जा रहे हैं, वह सर्वे है, जनगणना नहीं. उन्होंने कहा कि यही बात पटना हाई कोर्ट ने भी कही कि राज्य को सर्वेक्षण करने का अधिकार है, जनगणना करने का नहीं.

पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि भाजपा ने बिहार में अपने रुख के अनुरूप सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया. हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट भी पटना हाईकोर्ट की तरह जल्द ही जातीय सर्वे के समर्थन में अपना फैसला सुनाएगा, हम कभी इसके विरुद्ध नहीं रहे.

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