गुलशन कश्यप/जमुई. बिहार कैबिनेट के द्वारा मंगलवार को जमुई जिला में पदस्थापित एक प्रखंड विकास पदाधिकारी के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया गया है. उन्हें समय से पहले ही जबरन सेवानिवृत्ति दे दी गई है. अब बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर बिहार कैबिनेट के द्वारा इस प्रखंड विकास पदाधिकारी पर इतनी बड़ी कार्रवाई क्यों की गई.
दरअसल, यह एक्शन जमुई जिला के खैरा प्रखंड में पदस्थापित प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) राघवेंद्र कुमार त्रिपाठी के खिलाफ लिया गया है. इसको लेकर मंगलवार को हुए बिहार कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगा दी गई है.
ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा की गई थी अनुशंसा
दरअसल, ग्रामीण विकास विभाग ने दो हफ्ते पूर्व बिहार मंत्री परिषद को बीडीओ राघवेंद्र कुमार त्रिपाठी के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड अवधिरोपित करने के संबंध में अनुशंसा की थी. इसके बाद मंगलवार को यह निर्णय लिया गया है. जिसमें यह कहा गया है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी राघवेंद्र कुमार त्रिपाठी, पश्चिमी चंपारण जिले के नरकटियागंज में जब पदस्थापित थे तो उस दौरान उनके विरुद्ध पद का दुरुपयोग तथा भ्रष्ट आचरण के कदाचारपूर्ण कृत्य के प्रमाणित गंभीरतम आरोप के लिए बिहार सरकारी सेवक वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियमावली 2005 के तहत सरकारी सेवा से अनिवार्य सेवानिवृत्ति का दंड अधिरोपित किया गया है.
जानिए, आखिर क्यों हुई इतनी बड़ी कार्रवाई
गौरतलाब है कि राघवेंद्र कुमार त्रिपाठी वर्तमान में जमुई जिला के खैरा प्रखंड क्षेत्र में प्रखंड विकास पदाधिकारी के रूप में पदस्थापित थे. इससे पहले वह जमुई जिला के ही गिद्धौर प्रखंड में प्रखंड विकास पदाधिकारी के रूप में अपना कार्यकाल संभाल चुके हैं. जमुई में पदस्थापन से पूर्व यह पश्चिमी चंपारण जिला के नरकटियागंज में प्रखंड विकास पदाधिकारी के रूप में पदस्थापित थे. इस दौरान 5 फरवरी 2020 को आर्थिक अपराध इकाई पटना की टीम ने उन्हें नरकटियागंज के नौतन तिलंगही चौक पर 7.10 लाख रुपए के साथ पकड़ा था.
12 घंटे से अधिक पूछताछ
आर्थिक अपराध इकाई को राघवेंद्र कुमार त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार की सूचना मिली थी, जिसके बाद पटना से आई उसे टीम ने कार्रवाई करते हुए राघवेंद्र कुमार त्रिपाठी को हिरासत में लेकर उनसे 12 घंटे से भी अधिक समय के लिए पूछताछ की गई थी. हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था और पैसे और उनकी गाड़ी को जब्त कर लिया गया था. इस दौरान जब पुलिस ने राघवेंद्र कुमार त्रिपाठी के प्राइवेट गाड़ी को रोकने का प्रयास किया था तब नौतन थाना प्रभारी के साथ उनकी झड़प भी हुई थी. इसी मामले में 3 साल लगातार जांच के बाद उसकी रिपोर्ट सबमिट की गई थी. उसी आधार पर ग्रामीण विकास विभाग ने मंत्रिमंडल को उनके अनिवार्य सेवानिवृत्ति के अनुशंसा की थी. जिस पर मंगलवार को कार्रवाई की गई है और कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई है.
.
Tags: Bihar News, Local18
FIRST PUBLISHED : October 3, 2023, 15:19 IST