सच्चिदानंद/पटना. बॉलीवुड फिल्म का एक गाना है, जिसका मुझे था इंतजार वो घड़ी आ गई”. गाने की यह लाइन आज उन सभी पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों की जुबान पर चढ़ गई होगी, जो सालों से राज्यकर्मी बनने का ख्वाब देख रहे थे. इसके लिए सड़कों पर लाठियां भी खाई, प्रर्दशन किया, नोटिस मिला लेकिन आज मेहनत सफल होता हुए दिखाई दे रहा है. बिहार के पौने 4 लाख नियोजित शिक्षकों को अब राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा. और इन्हें अब नियोजित शिक्षक की जगह सहायक शिक्षक कहा जायेगा.
आज यानी मंगलवार को नीतीश कैबिनेट ने इसपर मुहर लगा दी है. आपको बता दें कि पूर्व में शिक्षा विभाग के द्वारा बिहार विद्यालय विशिष्ठ शिक्षक नियमावली 2023 लाया गया था. आज इस नियमावली पर नीतीश कैबिनेट ने मुहर लगा दी है.
ऐसे मिलेगा राज्यकर्मी का दर्जा
बिहार विद्यालय विशिष्ठ शिक्षक नियमावली 2023 के तहत ही नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा. कैबिनेट की मुहर के बाद सभी नियोजित शिक्षकों के चेहरे पर मुस्कान और दिलों में खुशी के साथ सुकून देखने को मिल रहा है. कैबिनेट ने जिस बिहार विद्यालय विशिष्ठ शिक्षक नियमावली 2023 को मंजूरी दी है उसके अनुसार राज्यकर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों को परीक्षा देनी होगी.
इस परीक्षा का नाम सक्षमता परीक्षा दिया गया है. यह सक्षमता परीक्षा एक साल के भीतर ली जाएगी. पास होने के लिए तीन मौके मिलेंगे. अगर पास हो गए तो राज्यकर्मी का दर्जा मिल जायेगा. अगर तीसरे प्रयास में भी पास नहीं की तो उन्हें सेवा से हटा दिया जाएगा.
ग्रेड पे की बात
स्थानीय निकाय के विभिन्न स्तरों (पंचायती राज / नगर निकाय ) द्वारा नियुक्त सभी शिक्षक अब “सहायक शिक्षक” कहलाएंगे बशर्ते की ये विभाग द्वारा आयोजित सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण हो.
इसका मतलब यह हुआ कि नई नियमावली से जिन शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा, उन्हें पे-ग्रेड का लाभ मिलेगा. इस नियमावली के प्रभावी होने पर मूल वेतन प्राइमरी शिक्षकों (क्लास 1 से 5) का मूल वेतन 25 हजार रुपए हैं.
वहीं माध्यमिक शिक्षकों (क्लास 6 से 8 तक) का मूल वेतन 28 हजार रुपए है. इसी तरह उच्च माध्यमिक शिक्षकों (क्लास 9 और 10) का 31 हजार और प्लस टू शिक्षकों का 32 हजार रुपए है. इसके साथ ही प्रोन्नति के लिए समय अवधि आठ वर्ष दिया गया है.
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FIRST PUBLISHED : December 26, 2023, 13:31 IST