पटना. बिहार सरकार द्वारा जारी आर्थिक सर्वे के रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. जो आंकड़े जारी किये गये हैं उसके मुताबिक बिहार के 95.49 फीसदी लोगों के पास किसी प्रकार का कोई वाहन नहीं है. संख्या में यह आंकड़ा 12 करोड़ 48 लाख है. छह पहिया या अधिक वाहन सिर्फ 0.03 फीसदी लोगों के पास ही है जो संख्या में 40 हजार 336 है.
अगर ट्रैक्टर रखने वाले लोगों की बात करें तो सिर्फ 0.13 फीसदी लोगों के पास ही ट्रैक्टर है जो संख्या में 1 लाख 67 हजार 62 है. चार पहिया वाहन धारकों की संख्या कुल जनसंख्या का 0.44 प्रतिशत है जो संख्या में 5 लाख 72 हजार 146 है. तीन पहिया वाहनों की बात करें तो 0.11 फीसदी लोगों के पास यानी 1 लाख 42 हजार 689 है. दो पहिया वाहन 3.80 फीसदी लोगों के पास है जिसकी संख्या 49 लाख 62 हजार है.
आर्थिक सर्वे के आंकड़े को लेकर भी विपक्ष ने सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं. जातीय आंकड़े के साथ जारी तमाम आर्थिक सर्वे को भी झूठ करारा दिया है. जब से जातीय गणना के सर्वे जारी हुए हैं बीजेपी लगातार सरकार के तरीकों और आंकड़ों पर सवाल खड़े कर रही है. बीजेपी के तमाम विधायक पंचायतवार आंकड़े जारी करने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार बीजेपी को हताश बता रही है.
मालूम हो कि बिहार में सरकारी नौकरी पाने वालों में कौन सी जाति सबसे उपर और कौन सी जाति सबसे नीचे हैं, बिहार सरकार द्वारा कराई गई जातिगत गणना में इसकी रिपोर्ट भी आ गई है, जिसे मंगलवार को ऐसे में सरकार ने ये बताया है कि किस जाति और किस धर्म के कितने लोग सरकारी सेवा में हैं. बिहार में अगर सामान्य वर्ग की बात करें तो सामान्य वर्ग के पास 6 लाख 41 हजार 281 लोगों को सरकारी नौकरी है. अब जरा जातिगत देखें तो जातियों में भूमिहार जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 1 लाख 87 हजार 256 हो जो कि 4.99 फीसदी है.
ब्राह्मण जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 1 लाख 72 हजार 259 है जबकि वो 3.60 फीसदी हैं. राजपूत जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 1 लाख 71 हजार 933 है जो कि 3.81 फीसदी है. कायस्थ जाति के पास सरकारी नौकरी में हिस्सेदारी 52 हजार 490 है और उनकी संख्या 6.68 फीसदी है.
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FIRST PUBLISHED : November 7, 2023, 15:01 IST