बिहार के इस जिले से था जननायक कर्पूरी ठाकुर का गहरा लगाव, जानें क्यों

धीरज कुमार/मधेपुरा. पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर को केंद्र सरकार ने पिछले दिनों मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा की, तो बिहार ही नहीं, देशभर में कर्पूरी ठाकुर की चर्चा खूब हुई. दरअसल, पिछड़े, शोषित और वंचित समाज को उनका हक दिलाने के लिए कर्पूरी ठाकुर लगातार प्रयास करते रहे थे. कर्पूरी ठाकुर का मधेपुरा से भी गहरा लगाव रहा था. यही कारण है कि यहां शहर में एक कर्पूरी चौक तो है ही, यहां के इकलौते मेडिकल कॉलेज का नाम भी कर्पूरी ठाकुर के नाम पर है. इसके अलावा अस्सी के दशक में मधेपुरा के पूर्व सांसद भूपेंद्र नारायण मंडल और पूर्व विधायक राधाकांत यादव के घर भी उनका आना-जाना लगा रहता था.

कई बार आए थे मधेपुरा
मधेपुरा के प्रख्यात शिक्षाविद् साहित्यकार डॉ. भूपेंद्र यादव मधेपुरी बताते हैं कि मधेपुरा से कर्पूरी ठाकुर का गहरा लगाव था. अस्सी के दशक में कर्पूरी ठाकुर यहां कई बार आए थे. वे यहां तत्कालीन सदर विधायक राधाकांत यादव, सांसद भूपेंद्र नारायण मंडल और एडवोकेट कमलेश भादुड़ी के घर आते रहते थे. इसके अलावा शहर की कई झुग्गी झोपड़ी में गरीबों के घर खाना खाते थे. मधेपुरा कहते हैं कि कर्पूरी ठाकुर से वे खुद दो-तीन बार मिल चुके हैं. उन्हें खाना भी खिलाया था. उन्होंने बताया कर्पूरी ठाकुर को मांस-मछली खाना बहुत पसंद था.

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जेबी कृपलानी के बने थे इलेक्शन एजेंट
डॉ. मधेपुरी बताते हैं कि वर्ष 1955 के उपचुनाव में मधेपुरा और सहरसा का इलाका भी भागलपुर सह पूर्णिया लोकसभा के अंतर्गत आता था. उस चुनाव में कर्पूरी ठाकुर खुद जेबी कृपलानी के चुनावी एजेंट बने थे. कर्पूरी ठाकुर का तब से मधेपुरा आना-जाना होता था. मधेपुरा में कर्पूरी ठाकुर के सम्मान में वर्ष 1992 में एक चौक का नामकारण भी कर्पूरी चौक रखा गया. जबकि, मेडिकल कॉलेज का नाम भी जननायक कर्पूरी ठाकुर चिकित्सा महविद्यालय एवं अस्पताल भी है.

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