गौरव सिंह/भोजपुर: मां आदिशक्ति की आराधना का पर्व नवरात्रि चल रहा है. ऐसे में मंदिर हो या घर सब जगह भक्त, देवी मां की भक्ति में लीन हो चुके है. भक्तगण मां को प्रसन्न करने के लिए, मनपसंद चढ़ावे को चढ़ाते हैं. इनमें से एक चढ़ावा लाल रंग और चुनरी का होता है, जो कि देवी मां को अति प्रिय है. लाल पुष्प हो या फिर लाल चुनरी, यह मां को बेहद पसंद है. बाजार में भी लाल रंग की चुनरी साड़ियां ट्रेंड में हैं. कुछ ऐसी ही तस्वीर धर्म आरा में भी देखने को मिल रही है. यहां लोगों की डिमांड पर दुकानदार भी नए-नए तरीके के नवरात्रि ऑफर निकाल रहे हैं.
हाथों से तैयार होती है साड़ी
आरा में चुनरी साड़ी के महत्व को देखते हुए यहां कारीगर हाथों से साड़ी तैयार करते है. इन साड़ियों की खूब डिमांड भी हो रही है. आरा के अबरपुल के रहने वाले बंटी पिछले 3-4 साल से अपने घर मे ही चुनरी साड़ी पर हाथों से काम कर उसकी सुंदरता बढ़ाते हैं. इनकी ओर से चुन्नी या साड़ी पर गोटा, जड़ी इत्यादि वर्क किया जाता है. बंटी ने मुंबई जाकर पहले चुनरी साड़ी का वर्क सीखा, फिर अलग-अलग राज्यों में जा कर साड़ी बनाने वाले कारखाना में काम किया. अच्छे से इस हुनर को सीखने के बाद लहंगा हैंडवर्क का काम करने सऊदी चले गए. फिर उन्होंने वापस आरा में आ कर खुद का काम शुरू किया हैं. इनके द्वारा हाथों से साड़ी तैयार की जाती है. एक साड़ी को तैयार करने में एक दिन लगता है. प्रिंट के बाद इस पर हाथों से गोटा लगाया जाता है. एक साड़ी में गोटा लगाने में 2 घंटे का समय लगता है.
नवरात्रि में लाल चुनरी साड़ी का अपना-अलग महत्व
आरा के महादेव में अमर साड़ी चुनरी और साड़ी की सबसे प्रसिद्ध और पुरानी दुकान है. इस दुकान के संचालक राम नाथ ने बताया कि देवी मां को चुनरी और लाल रंग दोनों से बहुत प्रेम है. जिस वजह से भक्त मां को खुश करने के लिए लाल रंग की चुनरी चढ़ाते है. महिला भक्त लाल चुनरी पहन कर पूजा करती हैं, ताकि देवी मां उनपर खुश हो. इस वजह से नवरात्रि में लाल चुनरी साड़ी का अपना अलग महत्व होता है. इस वजह से महिलाएं लाल साड़ी की खूब ख़रीददारी करती है. यह 300 से लेकर 1000 रूपए तक में उपलब्ध है.
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FIRST PUBLISHED : October 17, 2023, 16:13 IST