ऋतु राज/मुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में छात्रों को डिग्री लेने में काफी दिक्कतें होती हैं. इसके लिए छात्रों को बार-बार विश्वविद्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. इसके बावजूद समय पर डिग्र मिल जाएगी, यह कहना कठिन है. छात्रों की इसी परेशानी को देखते हुए बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने अब खास तैयारी शुरू की है. छात्र अपनी डिग्री को डिजी लॉकर से ही डाउनलोड कर सकेंगे.
इसके लिए विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग ने सॉफ्टवेयर डेवलप करने का काम भी शुरू कर दिया है. उम्मीद की जा रही है कि एक माह में यह काम पूरा हो जाएगा. डिजी लॉकर सेवा शुरू होने से सत्र 2021-24 के स्नातक छात्र घर बैठे मूल प्रमाण-पत्र की कॉपी डाउनलोड कर सकेंगे.
छात्रों का होता है आर्थिक और मानसिक शोषण
विश्वविद्यालय ने वर्ष 2020 से पहले के छात्रों के लिए प्रोविजनल सर्टिफिकेट भी देना बंद कर दिया है. उन्हें मूल प्रमाण-पत्र ही दिया जाएगा. दरअसल, विश्वविद्यालय में पढ़ाई के बाद छात्रों को परीक्षा और रिजल्ट के लिए जितना इंतजार करना पड़ता है, उससे कहीं अधिक पास होने के बाद डिग्री लेने के लिए दौड़ लगानी पड़ती है. कभी-कभी तो छात्रों को आर्थिक और मानसिक शोषण का भी शिकार होना पड़ता है.
परीक्षा विभाग में हर दिन जुटने वाली आधी भीड़ इसी के लिए उमड़ती है. विवि मुख्यालय के बाहर के जिले के छात्रों को कई-कई महीने दौड़ लगाने के बाद भी सर्टिफिकेट नहीं मिल पाता है. पिछले दिनों ऐसे कई मामले सामने आए, जिसमें कई कर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध थी. लेकिन, डिजी लॉकर होने से यह समस्या खत्म हो जाएगी. परीक्षा विभाग की मानें तो एजेंसी के माध्यम से इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है.
केंद्र सरकार से अप्रूव्ड है डिजी लॉकर
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय बिहार का पहला ऐसा विवि होगा, जहां के छात्र-छात्राएं केंद्र सरकार से अप्रूव्ड डिजी लॉकर से डिग्री लेंगे. इससे उन्हें डिग्री लेने में काफी मदद होगी. विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग के मुताबिक सभी छात्रों को एक पासवर्ड मिलेगा. उनका डेटा आधार से लिंक होगा. वे आधार नंबर या रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर ऑनलाइन डिजी लॉकर से मोबाइल पर भी अपना ऑरिजनल सर्टिफिकेट देख सकेंगे.
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FIRST PUBLISHED : February 27, 2024, 16:57 IST