बिहार का एक परिवार ऐसा भी! सभी ने अपना शरीर कर दिया दान

नीरज कुमार/बेगूसराय: कुछ लोग ऐसा कार्य कर जाते हैं जो लोगों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ जाता है. उनके इस नेक कार्य से कईयों को फायदा हो जाता है. हालांकि ऐसा करने वाले आपको कम ही लोग मिलेंगे. बेगूसराय का एक परिवार ऐसा ही है, जिनके कार्यों की पूरे जिला में चर्चा हो रही है और साथ हीं प्रशंसा भी कर रहे हें. इस परिवार के सभी सदस्यों ने अपना शरीर दान कर दिया है. इस परिवार के सदस्यों ने जीवित होने पर मानव सेवा को धर्म माना.

वहीं मृत्यु के बाद भी मानवता के काम आए. दरअसल, हम बात कर रहे हैं बेगूसराय जिला के अधिवक्ता अवधेश कुमार लाल और उनके परिवार की. अवधेश कुमार लाल का निधन हो गया, उसके बाद उनके परिवार के सदस्यों ने उनकी इच्छा के अनुसार उनका शरीर दान कर दिया. परिवार के सदस्यों ने स्वेचछा से आईजीएमएस पटना को अवधेश कुमार लाल का शरीर दान कर दिया है. अब उनका शरीर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के काम आएगा.

पूरे परिवार ने शरीर दान करने का लिया है प्रण

बेगूसराय जिला के तेघरा प्रखंड स्थित वनहारा गांव निवासी अधिवक्ता अवधेश कुमार लाल की मृत्यु के बाद पुत्र ने उनके शरीर को दान कर दिया. इनका चार सदस्यों का परिवार है. चार पुत्रों में से एक पत्रकार निरंजन कुमार सिन्हा ने बताया कि 2015 में दधीचि देहदान समिति के सदस्यों ने पिता से मुलाकात की. इस दौरान पिता ने शरीर दान करने का वादा किया था, जिसे पूरा कर दिया गया.

वहीं निरंजन सिन्हा ने बताया कि उनकी पत्नी इंदु कुमारी और मां कवियत्री मुकुल राय ने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए अपना शरीर दान करने का निर्णय लिया है. मुकुल राय ने बताया कि पति जब जिंदा थे तो समाज सेवा करते थे, क्योंकि उन्हें समाज सेवा का शौक था. वहीं मरने के बाद भी समाज सेवा किया है.

मेडिकल कालेज के छात्र करेंगे रिसर्च

निरंजन कुमार सिन्हा ने बताया कि आईजीआईएमएस को शव सौंपकर बेगूसराय के सिमरिया धाम में पुतला बनाकर हिंदू धर्म के मान्यताओं के अनुसार विधि-विधान के साथ पिता का अंतिम संस्कार किया. अवधेश कुमार लाल का शरीर दो साल तक छात्रों की पढ़ाई में काम आएगा. इसके बाद गाइडलाइन के मुताबिक अंतिम संस्कार किया जा सकता है. आपको बता दें कि बिहार के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के लिए शव की कमी को देखते हुए यह एक अच्छा कदम है.

अब तक 18 लोगों ने दान किया अपना शरीर

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मेडिकल की पढ़ाई के लिए 20 छात्रों पर एक शव की आवश्यकता होती है, लेकिन वर्तमान में 300 छात्रों पर एक शव उपलब्ध है. आंकड़ों में यह बात भी सामने आई कि बिहार में अब तक 18 लोगों ने शरीर दान किया है. जिसमें सर्वाधिक 10 पटना के हैं. अवधेश कुमार लाल के परिवार से मिलने और शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए केंद्रीय मंत्री सहित कई जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता आ रहे हैं. लेकिन, अंगदान करने का संकल्प किसी ने अब तक नहीं लिया.

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