सत्यम कुमार/भागलपुर. भागलपुर के लाल ने एक बार फिर से कमाल कर दिया है. नवगछिया के रहने वाले युवा साइंटिस्ट गोपाल जी ने चन्द्रमा में उतरने वाला मानव रहित रोवर तैयार किया है. जब इसको लेकर युवा साइंटिस्ट गोपाल जी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हर साल नासा के द्वारा इनोवेटिव आइडिया मांगा जाता है. जिसमें अलग-अलग तरह के आइडिया को सेलेक्ट किया जाता है. उन्होंने बताया कि भारत से 3 टीम का सिलेक्शन हुआ है. लेकिन विश्व का एकमात्र हमारा एनजीओ है जिसका सिलेक्शन किया गया है. पूरे विश्व में 30 टीमें चुनी गई हैं. इस साल 19 व 20 अप्रैल को यह कार्यक्रम आयोजित होगा.
गोपाल जी ने बताया कि अगर इस रोवर के आइडिया का सेलेक्शन नासा के द्वारा किया जाता है, तो इस प्रोजेक्ट को नासा टेक ओवर कर लेगी. उन्होंने बताया कि इसके लिए टीम को पुरस्कृत किया जाएगा. गोपाल ने बताया कि मेरा एनजीओ वाईएमआरडी है, जिसके तहत कुल 13 बच्चे शामिल हो रहे हैं. देश के अलग-अलग राज्य के हाईस्कूल के ये सभी बच्चे हैं. जिनके माध्यम से इसको तैयार कराया गया है. इसमें मेंट्रॉर का काम गोपाल जी के द्वारा किया गया है. आपको बता दें कि 13 बच्चे में से 4 बच्चे बिहार के भी शामिल है. उन्होंने बताया कि अगर नासा मौका देगी हमारी टीम उनके साथ काम करेगी.
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कैसे तैयार किया गया रोवर
गोपाल ने बताया कि रोवर को तैयार करने में एक माह का समय लग गया. इसमें पूरी टीम ने काफी मेहनत की. उन्होंने बताया कि इसको तैयार करने के पीछे का मकसद है कि चंद्रमा की सतह कैसी होती है. वहां पर हम किस तरह आसानी से चल सकते हैं. इसका ख्याल रखकर इसको तैयार किया गया है. गोपाल ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को गुड़गांव में तैयार किया गया है. इसको बनाने में कुल 10 लाख रुपये की लागत आई है. इसके लिए मुझे एमथरिएम फाउंडेशन के द्वारा सहयोग मिला है.
पहले भी कर चुके हैं कमाल
आपको बता दें कि गोपाल ने महज 13 साल की उम्र में केले के थंब से बिजली का उत्पादन किया था. जिसके बाद उसके वैज्ञानिक बनने का सफर शुरू हुआ. नासा से भी काम करने का ऑफर मिला था. जिसको गोपाल ने ठुकरा दिया था. अब तक कई प्रोजेक्ट पर गोपाल काम कर चुके हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 7, 2024, 19:51 IST