आकाश कुमार/जमशेदपुर.अंधेरा मिटता नहीं मिटाना पड़ता है, बुझे हुए चिराग को फिर से जलाना पड़ता है. आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे शख्स की जो आंख से देख नहीं पाते हैं. लेकिन, अपनी कामयाबी से बड़े-बड़े उस्ताद को भी मात दे देते हैं. झारखंड की लोह नगरी जमशेदपुर के ताज नगर कपाली क्षेत्र के रहने वाले 32 वर्षीय यासुद्दीन अंसारी जिसे प्यार से लोग बाबू भाई कह कर पुकारते हैं. वह बचपन से ही देख नहीं पाते है.फिर भी वह अपने भाई की गैरेज में बाइक और स्कूटी की फुल बॉडी सर्विसिंग कर देते हैं. यासुदीन अंसारी शुरुआती दिनों से गाड़ी धोया करते थे, फिर धीरे-धीरे जब उन्हें गाड़ी से मोहब्बत होने लगी तो वह अपने अंदाजे से ही गाड़ी बनाने लगे.
लोकल 18 को जानकारी देते हुए यासुद्दीन ने कहा कि उनके परिवार वाले बचपन में कई जगह उनके आंखों के ऑपरेशन के लिए भाग दौड़ किया. लेकिन अन्यथा कोई भी लाभ नहीं हुआ. जिससे परिवार वाले काफी निराश हो गए. यासुदिन ने इसे अपनी कमजोरी नहीं समझा और बाइक सर्विसिंग का काम करना शरू किया. आज उनके बीवी और दो बच्चें भी है. यहां वह गैरेज से करीब दिन के चार से पांच गाड़ी बनाते हैं.
बचपन से ही नहीं देता है दिखाई
गाड़ी बनाने के लिए आए अली ने कहा कि वह पिछले कई सालों से यहां पर गाड़ी बनवा रहे हैं. आज तक उनके गाड़ी में किसी भी प्रकार का कंप्लेंट नहीं आया है. गाड़ी इस प्रकार बाबू भाई बनाते हैं कि एक भी नट और पाना इधर का उधर नहीं होता है. यह गेराज जमशेदपुर के कपाली क्षेत्र के ताज नगर में यासुद्दीन गैरेज नाम से मशहूर है. आपको भी अगर अपनी गाड़ी बनवाना है तो आप सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम के 8:00 तक कभी भी आ सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 14, 2024, 11:24 IST