बिजनौर में हड़ताल पर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर-कर्मचारी: वेतन न मिलने से नाराजगी, OPD बंद होने से मरीजों को नहीं मिल पा रहा इलाज

बिजनौर7 मिनट पहले

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बिजनौर में तीन महीने से वेतन न मिलने से नाराज मेडिकल अस्पताल के डाक्टरों व कर्मचारियों ने ओपीडी बन्द कर हड़ताल शुरू कर दी है। अस्पताल का सभी स्टाफ अस्पताल परिसर में ही धरने पर बैठ कर वेतन दिलाये जाने की मांग कर रहा है। ओपीडी बन्द होने से मरीजों का हाल बेहाल है। सैकड़ों मरीज इलाज ना मिलने से परेशान हैं। कई मरीजों को इलाज न मिलने से वह अस्पताल परिसर में ही बनी बेंच पर लेटे हुए दिखाई दे रहे हैं।

दरअसल गुरुवार को बिजनौर मेडिकल अस्पताल में सभी डॉक्टर और कर्मचारी 3 महीने से वेतन न मिलने से नाराज होकर अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चे के बैनर तले अस्पताल की ओपीडी बंद कर हड़ताल पर चले गए हैं। सभी स्टाफ के कर्मचारियों ने इकट्ठा होकर अस्पताल परिसर में ही जोरदार नारेबाजी कर वेतन दिलाए जाने की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए।

मेडिकल अस्पताल के डाक्टरों व कर्मचारियों ने ओपीडी बन्द कर हड़ताल शुरू कर दी।

मेडिकल अस्पताल के डाक्टरों व कर्मचारियों ने ओपीडी बन्द कर हड़ताल शुरू कर दी।

अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से मरीजों का हाल बेहाल है। इस समय डेंगू, मलेरिया और बुखार के मरीजों की संख्या अधिक है। इलाज ना मिलने से मरीज परेशान हैं। मेडिकल अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों का कहना है कि सरकार के निर्देश पर बिजनौर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण चल रहा है। जिसके चलते शासन के निर्देश पर 1 अप्रैल 2023 से बिजनौर जिला अस्पताल के भवन मशीनरी एवं कर्मचारियों को मेडिकल कॉलेज से संबद्ध कर दिया गया है।

मेडिकल कॉलेज के बाहर मौजूद मरीज।

मेडिकल कॉलेज के बाहर मौजूद मरीज।

कर्मचारियों का कहना है कि जब से जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज से संबद्ध किया गया है तब से उन्हें वेतन मिलने में परेशानी हो रही है। आधिकारिक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. राजीव रस्तोगी का कहना है कि जब से जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में सम्बद्ध किया है तब से तीन माह का उन्हें वेतन नहीं मिला है। तभी से उन्हें लगातार वेतन मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

मेडिकल कॉलेज के बाहर इलाज न मिलने से बेंच पर बैठी व लेटी मरीज।

मेडिकल कॉलेज के बाहर इलाज न मिलने से बेंच पर बैठी व लेटी मरीज।

पिछले 1 महीने से लगातार मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल सीएमएस व अन्य अफसरों को वेतन दिलाए जाने के लिए पत्र लिखा जा रहा है। लेकिन किसी ने भी अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया है। डाक्टर राधेश्याम वर्मा का कहना है कि अभी तक तीन माह का वेतन नहीं मिला है। जबकि चौथा माह शुरू हो चुका है।

वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि किसी को मकान की किस्त देनी है तो किसी को गाड़ी की ईएमआई तो किसी को बच्चों की फीस जमा करनी है। वेतन नही मिलने से उन्हें कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार शिकायत के बाद भी आला अफसरों ने अभी तक इस तरफ ध्यान नहीं दिया है।

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