![बिकरू कांड: कमजोर विवेचना से खजांची जय बाजपेई दो मुकदमों में बरी, जानें कौन से मामले में साबित हुआ दोषमुक्त Kanpur Vikas dubey, Bikaru scandal, Treasurer Jai Bajpai acquitted in two cases due to weak investigation](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/09/06/kanpur_1693972938.jpeg?w=414&dpr=1.0)
जय बाजपेई
– फोटो : अमर उजाला
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कानपुर में बिकरू कांड के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे का खजांची कहे जाने वाले जयकांत बाजपेई को कानपुर की विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने शुक्रवार को दो मुकदमों में बरी कर दिया। इसमें एक झूठा शपथपत्र देकर लाइसेंस लेने और दूसरा कारतूसों का मामला है। कारतूस के बारे में सिर्फ भाई रजय से पूछा गया। घर के अंदर जाकर जांच नहीं की गई। वहीं, लाइसेंस मामले में रजय पर दर्ज मुकदमे की चार्जशीट पेश नहीं की गई और 2006 में जय की शादी के बाद परिवार की परिभाषा बदल गई।
इसका लाभ जय बाजपेई को मिल गया। हालांकि अभियोजन की ओर से एक मुकदमे में सेशन कोर्ट में अपील भी दाखिल कर दी गई है और दूसरे में तैयारी चल रही है। अभी माती की अदालत से गैंगस्टर मामले में दोषसिद्ध होने के बाद जय दस साल की सजा माती जेल में काट रहा है। झूठा शपथपत्र देकर अभिलेखों में कूटरचना व आपराधिक इतिहास छिपाकर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में जयकांत बाजपेई के खिलाफ 19 नवंबर 2020 को बजरिया थाने में तत्कालीन थाना प्रभारी राममूर्ति यादव ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।