रिपोर्ट- अंनत कुमार
गुमला: मिठाई का नाम सुनते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है. भोजन के बाद अगर मिठाई होता है, तो खाने का स्वाद दोगुना हो जाता है. साथ ही यह हमारे पाचन के लिए भी ठीक होता है. गुमला के लोगों का पसंदीदा मिठाई में जलेबी का नाम पहले आता है. लेकिन इसे बनाने की कठिन प्रक्रिया के कारण लोग इसे बाजार से खरीद का ले जाते है. अगर आप भी गुमला में स्वाद से भरपुर जलेबी की तलाश कर रहे हैं तो गुमला के सोनाहातु रोड के बघबोरा में लगने वाले श्यामल के स्टॉल में.
श्यामल कुजूर लोगों को अपने स्टाइल में जलेबी का स्वाद चखा रहे हैं. यहां लोग दूर दूर जलेबी का स्वाद लेने पहुंचते हैं. यह दुकान जलेबी वाले के नाम से फेमस है. पिछले 5 – 6 साल से लोगों को जलेबी का स्वाद चखा रहे हैं.
स्टॉल संचालक श्यामल कुजुर ने बताया कि वे पूर्व में हरियाणा में फार्म हाउस में काम करते थे. लगभग वहां 12 साल काम करने के बाद बच्चों की पढ़ाई लिखाई व कैरियर की चिंता को लेकर अपने गांव वापस लौट आया. और गांव में क्या काम करूं क्या नहीं? फिर मैने सोचा कि हरियाणा में जब रहता था तो वहां जलेबी ,समोसा इत्यादि बनाता था.तो क्यूं न इसे ही ट्राई करूं.और खुद का होटल चलाना शुरू किया.अब 5-6 साल हो गए यह काम शुरू किए. लोगों को हमारे यहां का जलेबी बहुत पसंद आ रहा है.
ऐसे तैयार होता है जलेबी
श्यामल ने बताया कि जलेबी ने के लिए सबसे पहले मैदानी तैयार करते हैं. मैदानी रात में बनाते हैं. वहीं पाक बनाने में चीनी व इलायची पाउडर का प्रयोग करते हैं. फिर जलेबी बनाते समय तैयार मैदानी में मैदा व जलेबी रंग मिलाकर रिफाइन तेल में जलेबी छानकर चीनी से तैयार पाक में डालते हैं. और लोगों की डिमांड के अनुसार गरमा गरम जलेबी परोसते हैं, खाने से ज्यादा लोग पैक करा कर ले जाते हैं. जलेबी हमारे यहां मात्र 5 रूपये प्रति पीस की दर से उपलब्ध है.
लकड़ी के चूल्हे में किया जाता है तैयार
श्यामल ने बताया कि हमारे यहां सारी चीजों को बनाने में शुद्ध खाद्य सामग्री का प्रयोग किया जाता है . हमारे यहां सारी चीजें लकड़ी के चूल्हा में बनाया जाता है. जिसका स्वाद लोगों को खूब भाता है. स्टॉल मंगलवार और शनिवार को लगता है. स्टॉल सुबह 9 बजे से शाम के 6 बजे तक लगता है.
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FIRST PUBLISHED : February 1, 2024, 17:35 IST