रुपांशु चौधरी/हजारीबाग.कम उम्र में बाल पकने की समस्या अब आम हो चुकी है. बदलते जीवन शैली, प्रदूषण और डाइट को बाल पकने के पीछे का मुख्य कारण माना जाता है. युवाओं के साथ-साथ बच्चे भी अब इससे अछूते नहीं रहे हैं. पुरुषों में 30 की उम्र तक जाते जाते सर के साथ साथ दाढ़ी के बाल भी पकने लगते है. कम उम्र में बाल पकने के कारण लोग अपना आत्मविश्वास भी खो देते है. आर्युवेद में कई ऐसे उपचार है जिसके माध्यम से हम बालों को पकने से रोक सकते है.
इस विषय पर हजारीबाग के महेश सोनी चौक गोला रोड में स्थित पतंजलि चिकित्सालय के डॉक्टर जितेंद्र उपाध्याय ने कहा कि बाल पकान अब आम हो चुका है. इससे ज्यादा प्रभावित युवा हो रहे है. पूर्व के समय में युवाओं में बाल पकने की समस्या कम आती थी. युवाओं में बालों को पकाने के पीछे का मुख्य कारण उदर रोग से होता है. गलत खानपान और प्रदूषण से बाल की सेहत खराब होती है. बालों की सेहत को बरकरार रखने के लिए हमें अपने खान-पान पर विशेष रूप पर ध्यान देना पड़ेगा. तला भुना होना खाने से बचना पड़ेगा. इसके साथ ही पौष्टिक सी और विटामिन d3 के अधिक सेवन करना चाहिए. एक बार बाल पक जाने के पश्चात बाल पुनः काले नही होते है, लेकिन हम बचे बाल को पकने से बचा सकते है.
आंवला है रामबाण
डॉक्टर जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि बाल पकने की समस्या में आंवला सबसे रामबाण इलाज है. हमें रोजाना कम से कम एक आंवला अवश्य खाना चाहिए. इसे हमलोग सर्दी और गर्मी दोनों मौसम में खा सकते है.आंवला के विभिन्न प्रोडक्ट्स का भी सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा हरी सब्जियां और कैसले फूड जैसे आंवला, केरी, करेला, कड़ी पत्ता इत्यादी का सेवन करना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : February 22, 2024, 12:51 IST
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