ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में अस्पतालों से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट बड़ी परेशानी बना हुआ है. वहीं उसके डिस्पोजल में लापरवाही भी देखने मिल रही है. यही वजह है कि CMHO ने जिले के 2 दर्जन से ज्यादा हॉस्पिटल को शोकॉज नोटिस जारी किया है. वहीं 3 हॉस्पिटल को सीज यानी बंद करा दिया है. हाल ही में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड ने भी इस लापरवाही पर जिले के कई अस्पतालों पर कार्रवाई की थी.
ग्वालियर जिले में 408 रजिस्टर्ड नर्सिंग होम, प्राइवेट अस्पताल के साथ 150 से ज्यादा पैथोलॉजी संचालित की जा रही है. इसके अलावा जिले में संभाग का सबसे बड़ा जयारोग्य चिकित्सालय समूह अस्पताल, जिला अस्पताल और तहसील लेवल पर सिविल हॉस्पिटल भी है. इन सभी जगह से हर रोज टनों की मात्रा में बायोमेडिकल वेस्ट निकलता है, लेकिन इसके डिस्पोजल मामले में सबसे ज्यादा लापरवाही प्राइवेट अस्पतालों की देखने मिल रही है.
बायो मेडिकल वेस्ट का असर लोगों पर
बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल में गड़बड़ी का सबड़े बड़ा असर शहर के पर्यावरण के साथ ही लोगों के जीवन पर पड़ता है. यही वजह है कि मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड बीते 3 महीने में कई प्राइवेट अस्पताल को नोटिस जारी करने के साथ ही पंजीयन निरस्त करने के आदेश दे चुका है. सीएमएचओ का विशेष दल भी दिसंबर महीने में दो दर्जन से ज्यादा अस्पताल पर कार्रवाई कर चुका है, जिन में 3 अस्पतालों को बंद भी कराया गया है.
लापरवाही के बाद कार्रवाई की जद में आए इन सभी अस्पतालों द्वारा बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोजल की व्यवस्था नहीं की जा रही थी. इनके द्वारा खुले में बायोमेडिकल वेस्ट भी फेंका गया था. इसी के आधार पर यह सभी कार्रवाई हुई. गौरतलब है कि ग्वालियर जिले में डेविस सर्जिको नाम की कंपनी बायोमेडिकल डिस्पोज का काम देखती है. इस प्लांट पर शासकीय अस्पताल के साथ ही प्राइवेट अस्पताल के बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल का लोड रहता है. प्लांट में क्षमता से ज्यादा बायोमेडिकल वेस्ट हर रोज पहुंच रहा है. यही वजह है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोज करने को लेकर अन्य वैकल्पिक कदम उठाने की तैयारी भी प्लान रहा है.
.
Tags: Gwalior news, Mp news
FIRST PUBLISHED : December 19, 2023, 19:23 IST