बाटला हाउस एनकाउंटर : दिल्ली HC ने दोषी आरिज खान की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला

बाटला हाउस एनकाउंटर : दिल्ली HC ने दोषी आरिज खान की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला

नई दिल्ली: बाटला हाउस एनकाउंटर में आरोपी आरिज खान को अब फांसी नहीं होगी. दिल्ली हाई कोर्ट ने आरिज खान के लिए मौत की सजा की पुष्टि करने से इनकार कर दिया है. इस मामले में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या कर दी गई थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने दोषी आरिज खान की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है.

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दिल्ली हाई कोर्ट ने  मामले को रेयर ऑफ दा रेयरेस्ट नहीं माना. हाई कोर्ट ने कहा वर्तमान मामले की परिस्थितियां इसे दुर्लभतम मामले की श्रेणी में लाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि घटना के दौरान देश ने एक प्रतिष्ठित पुलिस अधिकारी को खो दिया, जिसने कर्तव्य के दौरान अपने जीवन का बलिदान दिया, उनके योगदान को राष्ट्र कभी नहीं भूलेगा.

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि दिवंगत इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की मौत के लिए किसी विशेष आरोपी को जिम्मेदार ठहराने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि वर्तमान मामले में हम यह मानते है कि मामले में चश्मदीद की गवाही और अन्य साक्ष्य घटना स्थल पर आरिज़ खान की उपस्थिति और मौके से भागते समय छापेमारी दल पर गोलीबारी के तथ्य को स्थापित करती है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने लिखित आदेश में कहा कि आरिज़ खान की वहां मौजूदगी की दिल्ली पुलिस को पहले से कोई सूचना नहीं थी. आरिज़ खान मामले में संदिग्ध नहीं था ना ही उसके खिलाफ मामले में जांच चल रही थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि आरिज़ खान पहले किसी मामले में दोषी नहीं करार दिया गया हैं, उसके खिलाफ मामले अभी लंबित हैं. दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा आरिज़ खान पर लगाए गई जुर्माना राशि 11 लाख को कम कर दिया.

आरिज खान वर्ष 2008 में दिल्ली ,जयपुर, अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में हुए धमाकों का मुख्य साज़िशकर्ता था. इन धमाकों में 165 लोग मारे गए थे और 535 लोग घायल हो गए थे. यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले आरिज़ खान उर्फ जुनैद को स्पेशल सेल की टीम ने फरवरी 2018 में गिरफ्तार किया था.

सितंबर, 2008: देश की राजधानी दिल्‍ली के जामिया नगर एरिया के बाटला हाउस में दिल्‍ली पुलिस और इंडियन मुजाहिदीन के सदस्‍यों के बीच हुआ था एनकाउंटर. इसमें इंस्‍पेक्‍टर मोहन चंद शर्मा शहीद हुए थे. एनकाउंटर में आरिज और शहजाद अहमद भागने में सफल रहे थे जबकि इनके दो साथी आतिफ आमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे.

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