बाघों के “आतंक” की चुनौती से “सिपाही” बन कर निपट रहे पीलीभीत के ये शिक्षक

सृजित अवस्थी/पीलीभीत: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले से बाघ के आतंक की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. आए दिन अलग-अलग इलाकों में बाघ की चहलकदमी के चलते ग्रामीण घरों में कैद होने पर मजबूर हैं. लेकिन यहां के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक अपने ढंग से इस चुनौती से निपट रहे हैं.

दरअसल, पीलीभीत जिले की कलीनगर तहसील के पिपरिया संतोष, सुदासपुर, मलपुर, मैनाकोट, चोखपुरी व डगा गांव समेत तकरीबन 5 किमी के दायरे में बाघ की चहलकदमी देखी जा रही है. यह बाघ इलाके में पहली बार 19 अक्टूबर को देखा गया था. तब से ही लगातार इलाके में बाघ की चहलकदमी जारी है. वहीं बाघ की दहशत जिस 5 किमी के दायरे में हैं वहां बच्चों के स्कूल से लेकर गन्ने की छिलाई सब कुछ प्रभावित हो रहा है.

शिक्षक खुद की निगरानी में बच्चों को ला रहे हैं स्कूल
कलीनगर इलाके में स्थित चोखापुरी प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक मुनीश पाठक ने बताया कि बाघ की दहशत के चलते विद्यार्थियों की उपस्थिति कम हो रही थी. बच्चों की पढ़ाई ठप न हो इसलिए हम शिक्षकों ने ही आपस में रणनीति बना ली है. जिस इलाके में टाइगर की चहलकदमी होती है. शिक्षक वहां जाकर बच्चों को घरों से लेकर स्कूल आते हैं. तकरीबन 35 बच्चे ऐसे हैं जो शिक्षकों की निगरानी में विद्यालय आते हैं.

मॉनिटरिंग में जुटी हैं टीमें
अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत वन एवं वन्यजीव प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि इलाके में बीते कुछ दिनों से एक बाघ की मूवमेंट देखी जा रही है. जिसकी निगरानी के लिए टीमें गठित की गई हैं.

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FIRST PUBLISHED : November 7, 2023, 21:28 IST

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