राजकुमार सिंह/वैशाली. बागवानी से कैसे लखपति बना जा सकता है, यह हुनर आप वैशाली के इस शख्स से सीख सकते हैं. हाजीपुर के जढुआ बरई टोला रामवीर चौरसिया ने अपनी कठिन मेहनत से साबित किया कि बागवानी आय का एक उत्तम साधन है. रामवीर की पौधा प्रवर्धन केंद्र नर्सरी में 200 से अधिक प्रजाति के पौधे हैं.
बागवानी के काम से रामवीर अब सालाना लाखों की कमाई कर रहे हैं. यही नहीं, उनकी की इस लगन के कारण ही उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर पूसा विश्वविद्यालय तक ने सम्मानित किया है. आलम यह है कि रामवीर की नर्सरी से वैशाली ही नहीं, बिहार के अन्य जिलों के लोग भी पौधे लेने आते हैं. वहीं तमाम स्टूडेंट उनसे बागवानी की टिप्स लेते हैं.
20 साल से चला रहे नर्सरी
रामवीर बताते हैं कि वह बागवानी में नई-नई तकनीक को अपनाते हैं. इससे कम मेहनत में अधिक मुनाफा होता है. बताते हैं कि बागवानी करते हुए उन्हें अब 20 साल हो गए हैं. बावजूद वह हमेशा नई-नई तकनीक सीखते रहते हैं. उनकी नर्सरी में आज भी 200 से अधिक प्रजाति के पौधे हैं. सबसे अधिक सदाबहार आम के पौधे की बिक्री होती है, जिसमें साल में तीन बार फलन होता है. पौधे बेचकर वह सालाना चार से पांच लाख रुपये तक का मुनाफा कमाते हैं. हालांकि, बताते हैं कि नर्सरी के काम में थोड़ा रिस्क भी है. कभी-कभी बारिश अधिक होने के कारण फूल के छोटे-छोटे पौधे गल जाते हैं तो नुकसान भी होता है.
विद्यार्थियों को देते हैं टिप्स
रामवीर बताते हैं कि उन्होंने नर्सरी की शुरुआत किराये की जमीन से की थी, जिस पर पहली बार फूल की खेती की थी. इससे वह चर्चा में आ गए. इसके बाद जब सोनपुर मेले में उन्होंने नर्सरी का स्टॉल लगाया तो कई पौधों को लोगों ने सराहा. खासकर लैला-मजनू और खास प्रकार के आम के पौधे की खूब बिक्री हुई. इसके बाद रामवीर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. मिट्टी के साथ उनका लगाव बना रहा. यही कारण है कि उन्हें अब तक दर्जनों पुरस्कार मिल चुके हैं. साथ ही कई यूनिवर्सिटी ने भी अपने विद्यार्थियों को एग्रीकल्चर के विषय में जानकारी देने के लिए उन्हें बुलाया.
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FIRST PUBLISHED : September 04, 2023, 16:58 IST