बांग्लादेश में हड़ताल और आगजनी के बीच आज मतदान, प्रधानमंत्री शेख हसीना की लगातार चौथे कार्यकाल पर नजर

चुनाव में 27 राजनीतिक दलों के 1,500 से अधिक उम्मीदवार मैदान में

चुनाव में 27 राजनीतिक दलों के 1,500 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं और उनके अलावा 436 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं. भारत के तीन पर्यवेक्षकों समेत 100 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक 12वें आम चुनाव की निगरानी करेंगे. यह चुनाव कड़ी सुरक्षा के बीच कराया जा रहा है. बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि हमारे आम चुनावों को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखा जाए. बांग्लादेश संयुक्त राष्ट्र का सदस्य है और उसने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किए हैं.”

सुबह आठ बजे शुरू होगा मतदान

निर्वाचन आयोग ने कहा कि मतदान सुबह आठ बजे शुरू होगा और शाम पांच बजे समाप्त होगा. चुनाव नतीजे आठ जनवरी की सुबह से घोषित किये जाने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री हसीना की सत्तारूढ़ आवामी लीग के लगातार चौथी बार जीतने की उम्मीद है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (78) की पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार किया है. खालिदा भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद घर में नजरबंद हैं. हसीना (76) ने इस सप्ताह राष्ट्रीय टेलीविजन पर दिए संबोधन में लोकतंत्र समर्थक और कानून का पालन करने वाले दलों से ऐसे विचारों को हवा न देने का अनुरोध किया था जो देश की संवैधानिक प्रक्रिया में ‘‘बाधा” डालते हों.

बीएनपी ने चुनाव का किया बहिष्कार

बीएनपी ने शनिवार से 48 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. सड़कों पर वाहनों की संख्या अन्य दिनों के मुकाबले कम है लेकिन आगजनी के डर के बावजूद सार्वजनिक वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं. चुनाव लड़ रहे 27 दलों में विपक्षी जातीय पार्टी भी शामिल है. बाकी सत्तारूढ़ आवामी लीग की अगुवाई वाले गठबंधन के सदस्य हैं. बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए छह जनवरी को सुबह छह बजे से आठ जनवरी सुबह छह बजे तक 48 घंटे की देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है. पार्टी का दावा है कि मौजूदा सरकार के रहते कोई भी चुनाव निष्पक्ष और विश्वसनीय नहीं होगा.

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आर्थिक विकास किया वादा

बीएनपी के प्रवक्ता रुहुल कबीर रिजवी ने हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य ‘‘इस अवैध सरकार के इस्तीफे, एक तटस्थ सरकार के गठन और सभी पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा करने की मांग करना है.” चुनावों के मद्देनजर हसीना सरकार ने हजारों विरोधी नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया है. मानवाधिकार समूहों ने इस कदम की निंदा कर इसे विपक्ष को पंगु करने का प्रयास बताया. प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि आवामी लीग सत्ता में आने पर देश के लोगों का आर्थिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित करेगी.

प्राधिकारियों ने मतदान के दौरान शांति व व्यवस्था बनाए रखने के लिए ‘‘नागरिक प्रशासन की मदद” के वास्ते दो दिन पहले देशभर में सैन्य टुकड़ियों को तैनात किया है. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद अज्ञात लोगों ने 64 प्रशासनिक जिलों में चार में खाली पड़े मतदान केंद्रों में आगजनी की जबकि एक अन्य जिले में बीएनपी कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई जिसमें शुक्रवार को पांच लोग घायल हो गए. दमकल सेवा के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार सुबह साढ़े नौ बजे तक 16 घंटे में आगजनी के कम से कम 14 हमले हुए.

2009 से सत्ता में हैं शेख हसीना

शुक्रवार रात ढाका के पास एक यात्री ट्रेन में आगजनी की घटना में कम से कम चार लोगों की मौत हो गयी. बीएनपी ने इस घटना की संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जांच कराने की मांग की है. हसीना 2009 से सत्ता में हैं और उन्होंने आखिरी चुनाव दिसंबर 2019 में जीता था जिसमें जानलेवा हिंसा हुई थी और चुनाव में धांधली के आरोप लगे थे. बीएनपी ने 2014 में भी चुनाव का बहिष्कार किया था लेकिन 2019 के चुनाव में हिस्सा लिया था जिसे पार्टी नेताओं ने एक गलती बताया था और चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया था.

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद ईंधन और खाद्य सामग्री के आयात के दाम बढ़ने के कारण बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में तेजी से गिरावट आई जिससे बांग्लादेश को पिछले साल 4.7 अरब डॉलर के राहत पैकेज के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का रुख करना पड़ा था.

ये भी पढ़ें-

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *