China Ship to Maldives: चीन का जासूसी रिसर्च जहाज गुरुवार को मालदीव पहुंचा. यह द्वीपसमूह का भारत से अलगाव और बीजिंग की ओर झुकाव का पहला संकेत है. स्थानीय निवासियों ने बताया कि उन्होंने राजधानी माले के पास थिलाफुशी इंडस्ट्रियल बंदरगाह पर चीन के जियांग यांग होंग-3 को देखा है. वेबसाइट मैरीनट्रैफिक के अनुसार, 100 मीटर लंबा (328 फुट) जहाज गुरुवार शाम को माले के पास एक लंगरगाह पर था.
मालदीव की बीजिंग समर्थक सरकार ने पहले कहा था कि जहाज चालक दल को घुमाने और आपूर्ति लेने के लिए पोर्ट कॉल के लिए डॉक कर रहा था, इस शर्त पर कि द्विपीय देश के क्षेत्रीय जल में रहते हुए ‘अनुसंधान’ नहीं करेगा. भारत हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति और श्रीलंका और मालदीव में उसके प्रभाव को लेकर सशंकित है, जो रणनीतिक रूप से प्रमुख पूर्व-पश्चिम अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों के आधे रास्ते पर स्थित हैं.
पिछले साल चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के चुनाव जीतने के बाद से माले और नई दिल्ली के बीच संबंध सुस्त पड़ गए हैं. मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च तक टोही विमान संचालित करने के लिए मालदीव स्थित 89 सुरक्षा कर्मियों को वापस बुलाने को कहा है, लेकिन राष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया है कि वह भारतीय सैनिकों की जगह चीनी बलों को तैनात करके नई दिल्ली के साथ संबंध खराब नहीं करना चाहते हैं.
2022 के बाद से चीनी जहाजों के दो अन्य बंदरगाह कॉलों पर भारत की आपत्तियों के बाद श्रीलंका ने जियांग यांग होंग 3 में प्रवेश से इनकार कर दिया. इसमें जहाज युआन वांग-5 भी शामिल है, जो अंतरिक्ष यान ट्रैकिंग में माहिर है और जिसे नई दिल्ली ने एक जासूसी जहाज बताया है.
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FIRST PUBLISHED : February 22, 2024, 23:19 IST