बहुत चमत्कारी हैं ये मंत्र, जप से दूर होगी विवाह में देरी, असफलता, रोग, विपत्ति, मिलेगी सुख-शांति!

दुर्गेश सिंह राजपूत/नर्मदापुरम: जीवन में सभी को समस्याएं होती हैं. ये समस्याएं कभी-कभी व्यक्ति को अत्यधिक परेशानी में डाल देती हैं. यदि आप भी विवाह में देरी, कार्य में असफलता, बीमारी, धन की कमी, कर्ज आदि से परेशान हैं तो कुछ खास मंत्रों का जप करें. इन मंत्रों को बहुत शक्ति है, जिससे समस्याओं का समाधान तय है.

ज्योतिषाचार्य पं. पंकज पाठक के अनुसार, शास्त्रों में बताया गया है कि मंत्रों में बहुत शक्ति होती है. मंत्रों का जप करने से व्यक्ति के अंदर एक ऊर्जा आती है. इससे हर तरह की समस्या का समाधान मिल जाता है. उन्होंने बताया कि अक्षर से शब्द बनता है, शब्द से मंत्र. मंत्र के द्वारा एक शक्ति जागृत होती है.

सृष्टि के प्रारंभ में शिवजी ने नृत्य किया था. नृत्य से चौदह प्रकार की ध्वनियां प्रवाहित हुईं एवं इन ध्वनियों को ही मंत्रों का मूल आधार माना गया है. मंत्र ईश्वरीय शक्ति हैं, जिसके द्वारा मनुष्य की गुप्त शक्तियों का उदय होता है. इसके नियमित स्मरण एवं चिंतन करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.

अनिष्ट से बचने के लिए मंत्र
हर प्रकार के उपद्रव, अनिष्ट से बचने के लिए दुर्गा सप्तशती का सिद्ध मंत्र का जपें-
रक्षांसि यत्रोग्रविषाश्च नागा, यत्रारयो दस्यु बलानि यत्र। दावानलो यत्र तथाब्धिमध्ये, तत्र स्थिता त्वं परिपासि विश्वम्।।

शनि के लिए उपाय
शनि की कुदृष्टि से बचाव के लिए हनुमान जी की उपासना बेहद प्रभावकारी मानी गई है. हनुमानजी की आराधना में सुंदरकांड के पाठ का विशेष महत्व है. अगर सुंदरकांड का पाठ किया जाए, तो हनुमत कृपा से अमंगलों का नाश होकर पूरा वर्ष मंगलमय बनेगा. सुंदरकांड के अंतिम दोहे में वर्णित भी है. सुंदरकांड का पाठ प्रतिदिन करने से रोगों से लड़ने की शक्ति प्राप्त होती है. कोर्ट- कचहरी, मुकदमे आदि में विजय प्राप्त होती है. भूत-प्रेत बाधा से छुटकारा मिलता है. ग्रहों की बाधा हो या फिर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या, सुंदरकांड पाठ विशेष फायदेमंद रहता है.

बाधा, मुक्तधन, पुत्रादि के लिए मंत्र
सर्वाबाधा-विनिर्मुक्तो धन-धान्य-सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः।।

विपत्ति नाश के लिए मंत्र
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे। सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते।।

विवाह के लिए मंत्र
विवाह को लेकर युवतियों को मां कात्यायनी की आराधना मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त करने के लिए करनी चाहिए. वहीं युवकों को मनोवांछित पत्नी प्राप्ति के लिए दुर्गा सप्तशती में वर्णित मंत्र का जप करना चाहिए.
कन्या विवाह के लिए मंत्र:- कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि। नन्दगोप सुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः।।
युवक के विवाह के लिए मंत्र:- पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्। तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्।।

रोगों से मुक्ति के लिए मंत्र
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा, रूष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्। त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां, त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।

सफलता के लिए मंत्र
राम कृपा एवं जीवन में हर क्षेत्र में सफलता के लिए किसी भी प्रकार का भय, अपमान से मुक्त होकर राम कृपा प्राप्ति के लिए इस अमोघ मंत्र का जपकरना चाहिए. मंत्र को अपनाने से मनुष्य को अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है.
– देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि में परमं सुखम्। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
– राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्त्रनाम ततुल्यं रामनाम वरानने ।।

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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