अर्पित बड़कुल/दमोह: दमोह जिले के ग्रामीण कस्बो में काफी मात्रा में बरगद का पेड़ देखने को मिलता है, जिसकी विशालकाय डालियों से करीब 10 फिट की दूरी तक शीतल छाया बनी रहती हैं. यह पेड़ एक ऐसा वृक्ष है, जिसमे एंटीमाइक्रोबियल, एंटीऑक्सीडेंट, रसायन, हेंसेन, ब्यूटेनाल, एजिन एल्ब्यूमिन, मेलिन अम्ल, हाइपोग्लासेसिक जेसे कई पदार्थ पाए जाने से मानव शरीर में होने वाली कई गंभीर बीमारियों को जड़ से खत्म करने में सहायक होता है.
विशेषज्ञ कहते है कि चर्म रोग के रोगियों के लिए यह औषधीय पौधा संजीवनी का काम करता है. इस रोग से ग्रसित व्यक्ति पेड़ के पत्तो का लेप बनाकर फोड़े, फुंसियों एवं खुजली वाली जगह पर लगाते है तो उन्हें तुरंत आराम मिलेगा. वहीं पेड़ के मुलायम छोटे पत्ते, जड़ और छाल मिलाकर काढ़ा बनाएं. इसका सेवन करने से पेट की बीमारियां, दस्त और पेचिस रोग ठीक होता है. कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखने में भी फायदेमंद रहता है.
कई बीमारियों को चुटकी बजाते ही कर देगा गायब
इस पेड़ की वायवीय जड़ को छबाकर दातुन के रूप में इसका इस्तेमाल करने से दात और मसूड़े मजबूत होते है तो वहीं इसका सेवन करने से डायबिटीज की समस्या से छुटकारा मिलता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. जिनके जोड़ों में दर्द रहता है,वह मरीज इस पेड़ की पत्तियों का सेवन करते है तो दर्द से राहत मिलती है. पेड़ से निकलने वाले दूध में मौजूद रसायन की वजह से इसे मलहम की तरह इस्तेमाल करने किया जा सकता है.आयुष विभाग अधिकारी डॉक्टर ब्रजेश कुलपारिया ने कहा कि यह पेड़ एंटीऑक्सीडेंट होता है ग्रामीण इलाकों में आमतौर पर यह ओषधिए पौधा मिल जाता है जिसकी छाल, पत्ते और जड़ का लेप लगाने से चर्म रोग कुछ ही दिनों में गायब हो जाता है.
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FIRST PUBLISHED : November 7, 2023, 16:26 IST