बस्तरिया संस्कृति की झलक: 21 दिन का मेला, मिलने आते है देव के परिजन

04

news 18

कंधे पर आंगा-कोला देव के प्रतीक के तौर पर चौकोर और मोर पंखों से सजे लंबे विग्रहों को धारण किए सिरहा और उनके साथ ग्रामीणों का अपार जनसमूह का थिरकना इस आयोजन को और भी खास बना देता है. इस आयोजन में उसेंडी तादो देव के परिजन मसेनार, बिंजाम, कुहचेपाल, कोरलापाल, तारलापाल और कटुलनार से हर साल मिलने पहुंचते हैं. उसेंडी देवता के बिंजाम निवासी पुत्र हुंगा, वेल्ला और बोमड़ा देव का आगमन एक दिन पहले सोमवार को यहां पहुंच जाते हैं.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *