अनुज गौतम/सागर: विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना का पर्व बसंत पंचमी 14 फरवरी को मनाई जाएगी. सनातन संस्कृति को मानने वाले बहुत से परिवारों में इसी दिन से छोटे बच्चों का विद्यारंभ संस्कार किया जाता है. इस दिन से अभिभावक अपने बच्चों को श्वेत या पीले वस्त्र पहनकर उनसे मां सरस्वती की आराधना करवाते हैं.
पुरोहितों के द्वारा बच्चों को पेन-कॉपी स्लेट, पेंसिल आदि दिए जाते हैं. माता सरस्वती और भगवान गणपति का पूजन करवाते हुए विद्यारंभ संस्कार की शुरुआत की जाती है. साथ ही जीभ पर ओम लिखा जाता है, जिसे अक्षत संस्कार कहा जाता है. अगर आपके घर में भी छोटे बच्चे हैं और नए सत्र से स्कूल जाना शुरू करेंगे तो इस बार उनका भी विद्यारंभ संस्कार करवाएं, ताकि मां सरस्वती की कृपा उन पर बनी रहे.
32 साल बाद बना अद्भुत संयोग
ज्योतिषाचार्य पंडित दीपेश महाराज के अनुसार, माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी दोपहर 2:41 बजे से शुरू होगी. इस तिथि का समापन 14 फरवरी दोपहर 12:09 बजे पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, पंचमी तिथि 14 फरवरी को होगी. इस बार 32 साल बाद दुर्लभ संयोग बना है. इस दिन रवि, शुक्ल शुभ योग के साथ रेवती नक्षत्र भी है. इन शुभ योगों में सरस्वती पूजन करने से दोगुने फल की प्राप्ति होगी. इस शुभ संयोग में विद्या आरंभ संस्कार अति उत्तम होगा.
बसंत पंचमी पर 12 संस्कार होंगे
सागर के बड़ा बाजार स्थित मां सरस्वती मंदिर में विशेष पूजन और अनुष्ठान की तैयारी है. सुबह 5 बजे मां का पंचामृत और पंचगव्य से अभिषेक किया जाएगा. मां का सरस्वती श्वेत वस्त्र धारण करेंगी. सुबह 11 बजे मंगला आरती, शाम 6 बजे श्रृंगार आरती एवं रात्रि 11 बजे शयन आरती की जाएगी. इसके अलावा सनातन धर्म के 16 में से 12 संस्कार यहां पर कराए जाएंगे, जिनमें से विद्या आरंभ और अक्षत आरंभ प्रमुख रूप से होता है.
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FIRST PUBLISHED : February 6, 2024, 14:53 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.