बसंत पंचमी पर बिहार विधानसभा में हवन-पूजन, नजारा देख चौंके लोग

Patna:

Bihar Political News: बिहार की नीतीश सरकार ने 12 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन अपना विश्वास मत जीत लिया. इसके साथ ही राज्य के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने मंगलवार यानी 13 फरवरी 2024 को राज्य का पहला बजट पेश करते हुए बिहार को कई शानदार सौगातें दी हैं. इस बीच राज्य में नई सरकार के साथ ही राजनीति की परंपरा भी बदलती दिख रही है. ऐसा ही बदलाव बुधवार को बसंत पंचमी पर विधानसभा लाइब्रेरी में देखने को मिला. बता दें कि बिहार विधानसभा के भावी अध्यक्ष नंद किशोर यादव समेत दोनों उपमुख्यमंत्री और कई बीजेपी नेता सरस्वती पूजा में शामिल हुए.

विधि-विधान से हुई विधानसभा पूजा

आपको बता दें कि विधानसभा लाइब्रेरी में स्थापित वीणा वादिनी की प्रतिमा के सामने वैदिक विधि-विधान के अनुसार हवन और आरती के साथ पूजा भी की गई. वहीं बसंत पंचमी के अवसर पर विधानसभा पुस्तकालय में हवन के बाद माता सरस्वती की आरती भी की गई, जिसमें उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा सहित विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन करने वाले नंद किशोर यादव, विधायक भागीरथी देवी, जनक सिंह के अलावा विधायक और विधान पार्षद पूजा शामिल हुईं.

दो साल बाद हुआ ये आयोजन

इसके साथ ही आपको बता दें कि दो साल बाद बुधवार को बसंत पंचमी पर विधानसभा लाइब्रेरी में इस तरह से सरस्वती पूजा का आयोजन किया गया. वहीं विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए विजय कुमार सिन्हा ने साल 2021 में भव्य तरीके से सरस्वती पूजा की परंपरा को बढ़ावा दिया था.

28 जनवरी को बिहार में हुआ था सत्ता परिवर्तन

आपको बता दें कि 28 जनवरी को सरकार बदलने के बाद बीजेपी कोटे से सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है, जहां बीजेपी शुरू से ही हिंदू परंपराओं और पूजा को बढ़ावा देने वाली पार्टी रही है, वहीं उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने सरस्वती पूजा का आयोजन कर एक बड़ा संकेत दिया है. हालांकि, सरस्वती पूजा कार्यक्रम के दौरान जेडीयू का कोई भी विधायक नजर नहीं आया.

इसके साथ ही आपको बता दें कि जब अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने बिहार में राजद-कांग्रेस और वाम दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी तो शिक्षा मंत्री का प्रभार राजद के चंद्रशेखर को दिया गया था. इसके अलावा, पिछले कुछ महीनों के दौरान चन्द्रशेखर समेत कई अन्य राजद नेताओं ने रामचरितमानस, हिंदू देवी-देवताओं, पूजा की परंपरा आदि पर लगातार विवादास्पद बयान दिए थे. अब सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी ने बड़ा संकेत देते हुए सरस्वती पूजन कर देवी-देवताओं के प्रति अपनी आस्था जताई है.

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