बलिया में सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़ा, नाबालिक को बनाया दुल्हन, एक्शन मोड में

सनन्दन उपाध्याय/बलिया: बलिया में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. यहां विवाह समारोह में विवाहितों के साथ ही नाबालिग लड़की को भी दुल्हन बना दिया गया. सोशल मीडिया पर फर्जीवाड़े का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया. जब इसकी सच्चाई सामने आई तो आम जनता के साथ आला अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई.

वहीं अब समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बलिया के मनियर ब्लॉक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों पर शिकंजा कसा है और जांच के आदेश दिए है. सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण सुनील कुमार यादव को समाज कल्याण निदेशक ने निलंबित कर दिया है. यही नहीं आरोपी अधिकारी सहित सभी 8 अपात्र लाभार्थियों के खिलाफ बलिया जिले के मनियर थाना में धारा 419, 420 और 409 के तहत मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है.

सामूहिक विवाह योजना में धांधली

इस मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में अधिकारियों के मिलीभगत से कुछ एजेंट को अपना साधन बनाकर वैसे लोगों को शामिल किया गया, जो पहले से विवाहित थे और नाबालिक थे. आरोपी सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण सुनील कुमार यादव ने ग्राम पंचायत मानिकपुर से अर्चना रंजन और सुमन को शामिल कराया था. इसी क्रम में ग्राम पंचायत सुल्तानपुर से प्रियंका, सोनम, पूजा, संजू और रमिता का भी विवाह मनियर के इंटर कॉलेज में संपन्न कराया गया था. इन सभी का सत्यापन आरोपी अधिकारी सुनील कुमार द्वारा किया गया था. जांच के बाद जब खुलासा हुआ तो अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई. रंजू का विवाह 3 वर्ष पहले हो चुका था. जबकि पूजा का विवाह एक वर्ष पहले हुआ था. इनके अतिरिक्त अर्चना, रंजन, सुमन रमिता और प्रियंका का विवाह 2023 में ही हो चुका था. पैसे का गबन करने के लिए इनका विवाह दोबारा फर्जी तरीके से कराया गया.

विवाह तय नहीं, बना दिया लाभार्थी

बलिया में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जिसमें अधिकारियों के साथ अपात्र लाभार्थियों पर भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. ताबड़तोड़ अधिकारियों की कार्रवाई जारी है. वहीं समाज कल्याण मंत्री भी इस पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. जांच में यह सामने आया है कि सोनम का अभी विवाह तय ही नहीं था. इसके बावजूद भी उसे लाभार्थी के रूप में शामिल किया गया. डीएम बलिया के निर्देश पर जांच का आदेश दे दिया गया है. फर्जीवाड़े में शामिल सभी 9 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने प्रशासनिक जांच और एफआईआर की जांच दोनों में कार्रवाई की गति को तीव्र करने का सख्त निर्देश दिया है.

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