हार्लेक्विन बेबी
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बरेली के बहेड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में बुधवार को दुर्लभ अनुवांशिक विकार (हार्लेक्विन इक्थियोसिस) से पीड़ित एक और बच्चे का जन्म हुआ। नार्मल डिलीवरी से जन्मा बच्चा तीन दिन बाद भी जिंदा है। डॉक्टरों ने बीमारी की वजह पता करने के लिए स्किन बायोप्सी और केरिया टाइमिन जांच के लिए सैंपल लिया है। इससे पहले 15 जून को शहर के एक अस्पताल में इसी तरह का मृत बच्चा जन्मा था।
बहेड़ी थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन सीएचसी लेकर पहुंचे थे। बुधवार देर रात महिला ने नार्मल डिलीवरी से एक शिशु को जन्म दिया। बच्चे का शरीर पूरी तरह सफेद था। त्वचा जगह-जगह से फटी हुई थी। आंखें भी बड़ी-बड़ी थीं। डॉक्टर के मुताबिक, ऐसे जन्मे बच्चों को हार्लेक्विन इक्थियोसिस बेबी कहा जाता है।
जन्म के बाद बच्चा अजीब तरह की आवाजें निकाल रहा है। दुर्लभ विकार के साथ पैदा हुए बच्चे को देखकर परिजन डर गए। डॉक्टर ने उन्हें दुर्लभ बीमारी से ग्रसित होने की जानकारी दी। समझाने पर वह शांत हुए। इसके बाद वह जच्चा-बच्चा को घर लेकर चले गए। क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।