बरेली के नए डीएम से मिलिए, दो बार फतेह कर चुके हैं एवरेस्ट, मर्चेंट नेवी की जॉब छोड़ बने IAS अफसर

Success Story : आईएएस-आईपीएस बनने के लिए के लिए लोग अच्छी-खासी जॉब छोड़ने के लिए तैयार रहते हैं. आज एक ऐसे ही आईएएस अधिकारी की कहानी बताने वाले हैं जिन्होंने मर्चेंट नेवी की जॉब छोड़कर यूपीएससी की तैयारी की. वह आईएएस होने के साथ साथ माउंटेनियर और लेखक भी हैं. हम बात कर रहे हैं बरेली के नए डीएम रविंद्र सिंह की. आइए जानते हैं उनकी कामयाबी की कहानी के बारे में.

बिहार के बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर प्रखंड के बसही गांव के किसान परिवार में जन्में आईएएस रवींद्र सिंह बचपन से ही पढ़ने-लिखने में उस्ताद रहे हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई गांव के ही हिंदी माध्यम स्कूल में हुई. इसके बाद 10वीं तक की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय, बेगूसराय से की. इसके बाद 12वीं पास किया रांची के जवाहर विद्या मंदिर से. रवींद्र सिंह ने 12वीं के बाद 1999 में आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास की. लेकिन शिपिंग में करियर बनाने के लिए मर्चेंट नेवी ज्वाइन कर लिया.

मर्चेंट नेवी की जॉब छोड़ शुरू की यूपीएससी की तैयारी

रवींद्र सिंह ने साल 2002 से 2008 तक मर्चेंट नेवी में काम किया. इसके बाद उन्होंने 2009 में नौकरी छोड़ दी. इसके बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली आ गए. यूपीएससी एग्जाम क्लीयर करने के बाद उन्हें सिक्किम कैडर मिला. इसके बाद 2014 में ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री के साथ काम करने के लिए नई दिल्ली आ गए. साल 2016 में उनका कैडर बदलकर सिक्किम से उत्तर प्रदेश कर दिया गया.

दो बार फतेह किया एवरेस्ट

बरेली के नए डीएम रवींद्र दो बार माउंट एवरेस्ट फतेह कर चुके हैं. उन्होंने पहली बार 19 मई 2013 को माउंट एवरेस्ट फतेह किया. इसके बाद साल 2015 में उन्होंने दोबारा माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की. इसका मकसद स्वच्छ भारत अभियान के बारे में जागरूकता फैलाना था. उनके इस अभियान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी. अपने दूसरे अभियान के दौरान उन्होंने भूकंप और हिमस्खलन के बाद एवरेस्ट बेस कैंप में खुद को खतरे में डालकर कई लोगों की जान बचाई.

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Tags: IAS, Success Story, Upsc exam

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