बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं में अपने सरकारी आवास पर एक महिला न्यायाधीश द्वारा कथित रूप से फंदे सेलटककर आत्महत्या करने के मामले में पिता की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फंदे से लटककर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। बदायूं की जज कॉलोनी परिसर में प्रथम मंजिल पर रहने वाली दीवानी मामलों की न्यायाधीश (कनिष्ठ) ज्योत्सना राय (27) ने शनिवार को अपने शयन कक्ष में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस के अनुसार महिला न्यायाधीश के पिता अशोक कुमार राय की शिकायत के आधार पर सदर कोतवाली पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि तीन महिला डॉक्टरों की समिति ने महिला न्यायाधीश का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि यह स्वयं फंदे से लटककर आत्महत्या करने का मामला है।
महिला न्यायाधीश के परिजनों द्वारा पुलिस पर लापरवाही और गहनता से जांच नहीं करने के आरोप पर एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। पुलिस ने पूरी तत्परता और सावधानी से जांच की है, परिजन परेशान हैं इसलिए ऐसा कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई है, बाकी सभी तथ्यों, दस्तावेजों, फोरेंसिक रिपोर्ट व कॉल डिटेल की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। शनिवार देर रात जनपद मऊ से महिला न्यायाधीश के परिजन बदायूं पहुंचे।
महिला न्यायाधीश के पिता अशोक कुमार राय ने कहा, ‘‘मेरी बिटिया ज्योत्सना बहुत बहादुर थी, वह कभी भी आत्महत्या नहीं कर सकती। वह दूसरों को न्याय देती थी। उन्होंने किसी अज्ञात व्यक्ति पर हत्या कर शव लटका देने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है।’’ एसएसपी ने बताया था कि ज्योत्सना राय शनिवार सुबह 10 बजे तक जब अदालत नहीं पहुंचीं, तो उनके साथी न्यायाधीशों ने उन्हें फोन किया लेकिन संपर्क नहीं हो पाने पर वे उनके आवास गए और उन्होंने पाया कि राय का शयनकक्ष अंदर से बंद था।
प्रियदर्शी ने बताया कि मौके पर पहुंची पुलिस ने शयनकक्ष का दरवाजा तोड़ा तो राय का शव पंखे से लटका मिला। उन्होंने बताया कि मूल रूप से जनपद मऊ की रहने वाली राय बदायूं में दीवानी मामलों की न्यायाधीश (कनिष्ठ) के पद पर 29 अप्रैल, 2023 से तैनात थीं। इससे पूर्व वह अयोध्या में न्यायिक मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत थीं। उन्होंने बताया कि राय के आवास से उनके लिखे एक सुसाइड नोट सहित कुछ दस्तावेज बरामद हुए हैं, जो इस मामले की गुत्थी को सुलझाने में अहम साबित हो सकते हैं।
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