रिपोर्ट: सच्चिदानंद
पटना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बिहार आ रहे हैं. उनके बिहार दौरे से पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें एक लड़की हाथ में गिटार थामे कविता पढ़ रही है. इस कविता में पीएम मोदी के किए गए विकास कार्यों का गुणगान है. लोग इसे सोशल मीडिया पर खूब शेयर कर रहे हैं और तारीफ कर रहे हैं. इस वायरल लड़की से लोकल 18 की टीम ने संपर्क साधा. इसका नाम मृणालिनी है, जो बारहवीं की छात्रा हैं और इन्हें बचपन से कविता लिखने-पढ़ने का शौक है.
“बढ़ाए देश का जो मान वही प्रधान होना चाहिए”
वायरल वीडियो में मृणालिनी एक गीत गा रही हैं. इसके बोल हैं काशी का कॉरिडोर हो या योग
भोरे भोर,मचा हुआ है देखो श्रीराम जी का शोर.
ध्वज फहरे सनातन का गुणगान होना चाहिए,
बढ़ाए मान देश का जो मान, वही प्रधान होना चाहिए.
दुनिया भर की पहली पसंद हिंदुस्तान होना चाहिए,
भारत और मां भारती का जयगान होना चाहिए.
ध्वज फहरे सनातन का गुणगान होना चाहिए,
बढ़ाए मान देश का वही प्रधान होना चाहिए.
कौन है वायरल लड़की
औरंगाबाद की मृणालिनी बारहवीं क्लास की छात्रा हैं. इन्होंने देश के प्रधान के नाम यह कविता पढ़ी है. इनको यह शौक बचपन से है. मृणालिनी ने लोकल 18 को बताया साहित्य में उनकी रुचि उनके परिवार के कारण पहुंची. पिताजी एडवोकेट अशोक मिश्रा और बड़ी बहन मीनाक्षी राजे की हिंदी साहित्य पर अच्छी पकड़ है. घर का माहौल ऐसा है, जहां विचार-विमर्श होता रहता है. उन्हीं लोगों को सुनकर, पढ़कर ऐसा संभव हो पाया है.
कैसा होना चाहिए देश का प्रधान
मृणालिनी की कविता में देश का प्रधान कैसा होना चाहिए, इसका जिक्र किया गया है. इस पर वो बताती हैं हमारे देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जैसा ही प्रधान इस देश को चाहिए. और मैं कविता में ऐसा इसलिए कह रही हूं क्योंकि उन्होंने सनातन और हिन्दुस्तान का मान बढ़ाया है. आज हम विश्व के किसी भी मंच पर खड़े होकर बड़े गर्व से कह सकते हैं कि हम उस भारत के लोग हैं जिसके आगे पूरी दुनिया नतमस्तक है.
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बचपन से है कविता का शौक
मृणालिनी को कविता का शौक तब लगा जब उन्होंने अपने जिले से देशभर में पहचान बना चुके चर्चित लेखक प्रभात बांधुल्य की बचपन पर लिखी कविता \”गजबे न था मेरा खिलौना माटी से बढ़िया न कोई बिछौना\” से परिचित हुई. तब से लिखने और पढ़ने का दौर शुरू हो गया. आज से ठीक चार साल पहले बिहार विधानसभा चुनाव के समय पहली बार एक व्यंग लिखा था.
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FIRST PUBLISHED : March 1, 2024, 21:59 IST