राहुल दवे/इंदौर. मां अहिल्या की नगरी इंदौर को धार्मिक नगरी भी कहा जाता है, यहां सभी पर्व और त्योहार बड़े उत्साह से मनाए जाते हैं. इन दिनों तिल गुड़ की मिठास के पर्व मकर संक्रांति को लेकर शहर में जोरदार तैयारियां चल रही हैं. पतंग के शौकीन या यूं कहें कि पतंगबाजों के इस पर्व पर यहां पतंग का व्यापार करोड़ों का हो जाता है. इंदौर में गुजरात और राजस्थान से भी बड़ी संख्या में पतंगें बिकने के लिए आ रही हैं.
इंदौर में यहां लगी दुकानें
वैसे इंदौर के लगभग सभी मोहल्लों में पतंग की दुकानें हैं, लेकिन कुछ प्रसिद्ध स्थान हैं, जहां पूरे वर्ष भर पतंग और मांझा मिलता है. इन प्रमुख स्थानों में रानीपुरा, काछी मोहल्ला, जवाहर मार्ग, तिलक नगर, विजय नगर, पाटनीपुरा, मल्हारगंज, बियाबानी, लोहारपट्टी, बड़वाली चौकी, सिख मोहल्ला, परदेसीपुरा, बंबई बाजार, राऊ चौराहा और तेजाजी नगर शामिल हैं, जहां पतंग की करीब 300 से ज्यादा दुकानें हैं.
इन शहरों से आ रही पतंगें
इंदौर में गुजरात के अहमदाबाद, राजकोट और राजस्थान के जोधपुर, जयपुर के अलावा बरेली से भी पतंग बिकने आई है. पतंग का थोक व रिटेल कारोबार करने वाले व्यापारियों का कहना है कि इस साल अभी तक लगभग 7 करोड़ की पतंग और मांझा बिक चुका है. वहीं मकर संक्रांति के अंतिम दिनों में 1 करोड़ का और कारोबार होने की संभावना है.
कानबाज, इकन्ना, नीलमपरी की मांग ज्यादा
व्यापारियों का कहना है कि इस बार जर्मनी के राइस पेपर से गुजरात में बनने वाली पतंग के साथ ही कान बाज, इकन्ना, दुकन्ना, तिरियल, लिप्पू, काल, चील, चांद बाज, तारा, परेल, नीलम परी, डग्गा की मांग ज्यादा है प
पतंग पर श्रीराम, मोदी और योगी
पतंगों पर भगवान श्रीराम भी बने हैं तो किसी-किसी पतंग पर हनुमानजी भी उड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. साथ ही पन्नी पर बने कार्टून, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी के फोटो वाली पतंग की डिमांड भी बाजार में है.
इस बार व्यापार अच्छा
व्यापारियों का कहना है कि थोक और रिटेल मार्केट को मिला लें तो इस साल पिछले साल के मुकाबले व्यापार अच्छा है. 2021 में लगभग 2 करोड़ रुपये, 2022 में लगभग 5 करोड़ और 2023 में लगभग पौने 7 करोड़ की पतंग और मांझा बिका था. वहीं इस साल अभी तक 7 करोड़ का कारोबार हो चुका है.
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FIRST PUBLISHED : January 13, 2024, 21:55 IST