बड़े काम की है यह घास… अल्सर, पाइल्स को भी ठीक करने में मिलती है मदद

रिपोर्ट – विशाल भटनागर

मेरठ. जब भी घर में पूजा-पाठ होता है, तो दूर्वा घास का विशेष महत्व देखा जाता है. वहीं, आयुर्वेदिक पद्धति में इस घास का काफी उपयोग माना जाता है. यह कई तरह की गंभीर बीमारियों को ठीक करने में मदद करती है. मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में संचालित बॉटनी डिपार्मेंट के विभागाध्यक्ष प्रो. विजय मलिक ने बताया कि यह घास पूजा पद्धति से लेकर आयुर्वेद में बहुत अहम है.

प्रोफेसर विजय मलिक के मुताबिक, दूर्वा घास का उपयोग ब्लीडिंग रोकने में खास तौर पर किया जाता है. आयुर्वेदिक पद्धति के अनुसार, शरीर के किसी भी अंग में अगर ब्लीडिंग हो रही है, तो आप इस घास का रस निकालकर सुबह खाली पेट दो चम्मच सेवन करें. यह शरीर के अंदर की ब्लीडिंग को रोकने में कारगर साबित होगी. यही नहीं, अब लोगों के दांतों में खून निकलने की समस्या देखने को मिलती है. ऐसे में अगर आप इस घास का पेस्ट बनाकर उपयोग करेंगे, तो दांतों में होने वाली ब्लीडिंग रुक जाएगी.

अल्सर और पाइल्स में भी उपयोगी
प्रोफेसर विजय मलिक ने बताया कि दुर्वा घास अल्सर और पाइल्स जैसी गंभीर बीमारियों में भी उपयोगी मानी जाती है. अगर इसका नियमित रूप से रस निकालकर पिया जाए तो इससे मरीजों को काफी फायदा मिलता है. साथ ही बताया कि अगर किसी जगह चोट लगी हुई है, तो जख्म में भी हम इसका पेस्ट लगा सकते हैं. यह जख्‍म ठीक करने में मदद करेगी. प्रोफेसर विजय मलिक ने सलाह दी कि अगर आप किसी अन्य प्रकार की दवाइयों का उपयोग कर रहे हैं, तो अपने डॉक्‍टर की राय जरूर लें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और हेल्थ बेनिफिट रेसिपी की सलाह, हमारे एक्सपर्ट्स से की गई चर्चा के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, न कि व्यक्तिगत सलाह. हर व्यक्ति की आवश्यकताएं अलग हैं, इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही, कोई चीज उपयोग करें. कृपया ध्यान दें, Local-18 की टीम किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी.

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