बड़ा करामाती है यह पौधा, दीमक को कर देता है खत्म, कई बीमारियों के लिए भी रामबाण

निखिल त्यागी/सहारनपुर: सहारनपुर के दिल्ली रोड स्थित प्रकृति कुंज हर्बल वाटिका में विभिन्न प्रकार के फल, फूल व औषधीय पौधे लगे हुए हैं. इस वाटिका में एक ऐसा पौधा भी है, जो दीमक जैसी विनाशकारी कीट को समाप्त कर देता है और औषधीय रूप से कई बीमारियों के लिए यह पौधा गुणकारी भी होता है. किसानों की फसल, पेड़ पौधे, घरों में रखी किताबें, दरवाजे व अन्य सामान को दीमक नष्ट कर देती है. लेकिन रामरस के नाम से प्रसिद्ध इस पौधे को लगाने से काफी दूर तक दीमक जैसी बीमारी नष्ट हो जाती है.

सहारनपुर में स्थित प्रकृति कुंज प्रांगण के अध्यक्ष आचार्य राजेन्द्र अटल ने बताया कि दीमक एक ऐसी विनाशकारी बीमारी है, जिससे किसानों के कीमती फल के पेड़ व अन्य फसलें बर्बाद हो जाती हैं. दीमक से बचाव के लिए किसान अपनी जमीन में विभिन्न जहरीली दवाइयों का छिड़काव करते हैं, लेकिन उससे कुछ प्रतिशत ही लाभ मिलता है. जहरीली पेस्टीसाइड डालने से जमीन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.

दीमक को जमीन से खत्म करने की रखता है ताकत

आचार्य ने बताया कि घर मे लगे लकड़ी के दरवाजे, दीवारें, व लाइब्रेरी में रखी किताबों को भी दीमक नष्ट कर देता है. उन्होंने बताया कि रामरस नामक पौधा दीमक को जमीन से खत्म करने की ताकत रखता है. आचार्य जी ने बताया कि रामरस का पौधा ज़मीन में लगाने से करीब 20 मीटर तक की दूरी तक जमीन में पैदा होने वाली दीमक को खत्म कर देता है. रामरस पौधा दीमक के लिए विनाशकारी सिद्ध होता है.

बहुत गुणकारी है रामरस का पौधा

आचार्य राजेन्द्र अटल ने बताया कि रामरस पौधा जहां दीमक जैसी बीमारी के लिए बहुत अच्छा इलाज है, वहीं इस पौधे में औषधीय गुण भी मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि व्यक्ति के शरीर मे गांठ, बन जाती है. रामरस पौधे के नियमानुसार सेवन करने से इस बीमारी का अंत हो जाता है. इसके अलावा रक्त सम्बन्धी विकारों के इलाज के लिए भी रामरस पौधा रामबाण औषधि है. आचार्य जी ने बताया कि श्रीराम जैसे ही इस पौधे में गुण बसे हुए हैं, इसलिए इसका नाम भी रामरस है. उन्होंने बताया कि प्रकृति में विभिन्न प्रकार के पौधे हैं, जो शरीर की बीमारी के लिए औषधि हैं, दूसरी ओर जमीन के अंदर पनपने वाली कई बीमारियों को जड़ से खत्म भी करते हैं.

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