मनीष पुरी/भरतपुर:- वैसे तो हनुमान जी के मंदिरों की अलग-अलग मान्यता है. लेकिन हम आपको आज हनुमान जी की एक ऐसी मूर्ति की बारे में बताने जा रहे हैं, जो हकीक रत्न से बनी हुई है. इस मूर्ति मे एक साथ हनुमान जी के कई स्वरूप के दर्शन होते हैं. यह मूर्ति भरतपुर के डीग जल महल में विराजमान हनुमान जी की प्रतिमा है और इस प्रतिमा का निर्माण अफगानिस्तान के हकीक रत्न पत्थर से हुआ है.
हकीक रत्न पत्थर क्या होता है
हकीक पत्थर अत्यंत ही शुभ होता है. यह पत्थर जीवन की तमाम समस्या दूर करने और मनोकामना पूरी करने वाला रत्न है. इस रत्न को ज्योतिषी की सलाह पर ही पहनना चाहिए. यह मूर्ति लगभग 450 साल पुरानी है. इसकी खास बात यह है कि इसमें एक साथ हनुमान जी के कई स्वरूप के दर्शन होते हैं. डीग जल महल में विराजमान हनुमान जी की मूर्ति के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु एवं पर्यटक दर्शन करने के लिए आते हैं.
450 साल पुरानी मूर्ति
मंदिर के पुजारी ओमप्रकाश ने लोकल 18 को बताया कि यह हनुमान जी की मूर्ति 450 साल पुरानी है और लगभग 7 फीट ऊंची है. यह मूर्ति अफगानिस्तान के हकीक रत्न के पत्थर से निर्मित है. हकीक रत्न कीमती पत्थर होता है. इस रत्न को अंगूठी में धारण करके भी पहना जाता है. महाराज सवाई ब्रजेंद्र सिंह ने डीग के जल महल के दक्षिणी हिस्से में इस मूर्ति की स्थापना कराई थी. यहां आने वाले श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूरी होती है.
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FIRST PUBLISHED : March 14, 2024, 12:13 IST
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