हाइलाइट्स
एक साल से ऊपर के बच्चों को दूध के लिए आईसीएमआर की गाइडलाइंस हैं.
बच्चों के लिए दूध पीना जरूरी है लेकिन साथ ही दाल, सब्जी अनाज भी जरूरी हैं.
What are Benefits of Milk: जन्म के बाद नवजात शिशु दूध पीना शुरू करता है. ऐसे में कम से कम छह महीने तक बच्चें को सिर्फ मां का दूध पिलाया जाता है लेकिन इसके बाद बच्चे को गाय या भैंस के दूध के साथ-साथ कुछ हल्की चीजें खाने के लिए भी दी जाती हैं ताकि ग्रोथ के लिए पर्याप्त पोषण मिलता रहे. हालांकि भारत में दूध को लेकर अलग-अलग सोच है. कुछ हिस्सों में मां-बाप बच्चे को कुछ खिलाने के बजाय करीब 2 से 3 साल तक जमकर दूध ही पिलाते हैं. जबकि कुछ लोग दूध को पोषण के लिए जरूरी नहीं मानते या आर्थिक कारणों से बच्चों को दूध नहीं पिला पाते. आखिरकार दोनों में से सही कौन है? बच्चों को किस उम्र तक रोजाना कितना दूध पीने के लिए देना चाहिए? आइए इसका जवाब जानते हैं आज…
दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. मनीषा वर्मा कहती हैं कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से नवजात बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए गाइडलाइंस हैं. जिनमें कहा गया है कि कम से कम छह महीने तक नवजात शिशु को मां का दूध ही पिलाना चाहिए. इसके बाद छह महीने से लेकर 18 साल तक के किशोरों के लिए भी आईसीएमआर की ओर से दूध की न्यूनतम मात्रा तय की गई है. खास बात है कि दूध से तात्पर्य सिर्फ दूध से नहीं है, दूध से बने पदार्थों से भी है. अगर कोई बच्चा या किशोर दूध नहीं पीता है तो उसे उतने ही दूध का बना दही या पनीर खिलाया जा सकता है.
दूध है ग्रोथ के लिए जरूरी
डॉ. मनीषा कहती हैं कि दूध प्रोटीन और कैल्शियम के साथ कई जरूरी पोषक तत्वों का भंडार है. इसमें विटामिन बी12, राइबोफ्लेविन, विटामिन डी, मैग्नीशियम, आयोडीन, खनिज, वसा और फॉस्फोरस पाए जाते हैं. जो बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाने और बड़ा करने का काम करते हैं. दूध में मौजूद प्रोटीन लंबाई बढ़ाने में कारगर है.
किस उम्र में कितना पीना चाहिए दूध
जहां तक दूध की मात्रा की बात है तो आईसीएमआर की गाइडलाइंस के अनुसार 1 साल से 18 साल तक के किशोरों के लिए न्यूनतम दूध की मात्रा 500 एमएल है. अगर बच्चे को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है तो एक साल से ज्यादा उम्र के बच्चे को कम से कम 2 से 3 कप दूध रोजाना पीना चाहिए और इसके साथ में अनाज, फल, दालें, सब्जियां आदि भी खिलाई जानी चाहिए.
उम्र बढ़ते जाने पर खान-पान और दूध की मात्रा को भी बढ़ाया जा सकता है. 10 साल के आसपास शारीरिक विकास ज्यादा होता है, ऐसे में किशोर होने जा रहे बच्चों को 500 एमएल से ज्यादा दूध भी पीने के लिए दिया जा सकता है.
अगर 500 एमएल से ज्यादा दूध पिया तो…
डॉ. मनीषा कहती हैं कि अगर कोई बच्चा 500 एमएल से ज्यादा दूध पीता है तो उसे कोई नुकसान नहीं है. आईसीएमआर की गाइडलाइंस आर्थिक वजहों या उपलब्धता को भी ध्यान में रखते हुए कम से कम 500 एमएल दूध को जरूरी बताती हैं. हालांकि बच्चों को संपूर्ण पोषण दूध से नहीं मिल सकता है इसलिए उन्हें भोजन, अनाज, दालें, सब्जियां, फल, मेवाएं आदि भी देना जरूरी है.
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FIRST PUBLISHED : September 08, 2023, 13:41 IST