बकरी के दूध से आदिवासी महिलाएं बना रहीं साबुन, हाथों हाथ बिक जाते हैं प्रोडक्ट

आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. जिले की आदिवासी महिलाओं ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिसे देख बड़े-बड़े व्यवसायियों के भी पसीने छूटने लगे हैं. महिलाओं ने जंगल में ही व्यवसाय की एक श्रृंखला खड़ी कर ली है. कोई मधुमक्खी पालन कर रही है, तो कोई उससे शहद और वैक्स बना रही है. कुछ महिलाओं का समूह मशरूम उत्पादन कर उसे बेच रहा है, तो कुछ का समूह घर पर ही 10 तरह के साबुन बना रहा है. जिला मुख्यालय बेतिया से करीब 140 किलोमीटर दूर, बगहा-2 प्रखंड के संतपुर सहरिया पंचायत का कदमहिया गांव इन महिलाओं के बदौलत व्यवसाय का हब बनता जा रहा है.

10 व्यवसायों में शामिल हैं 200 महिलाएं

दरअसल, यहां की 200 महिलाओं ने खुद के दम पर उत्पादन से जुड़े करीब 10 प्रकार के व्यवसायों को शुरू किया है. इसके लिए महिलाओं ने प्रशिक्षण भी लिया है. इसकी शुरुआत 2021 में हुई, जब गांव की सुमन देवी ने यहां सबसे पहले मधुमक्खी पालन और मशरूम की खेती शुरू की. जब सुमन का व्यवसाय चलने लगा, तो उन्होंने इसे बढ़ाने के लिए गांव की अन्य महिलाओं को भी जोड़ा. अब ये महिलाएं मधुमक्खी पालन, शहद उत्पादन, मशरूम उत्पादन, साबुन निर्माण, बकरी पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी के वैक्स से स्किन केयर प्रोडक्ट और अगरबत्ती बनाती हैं.

नेचुरल इंग्रेडिएंट्स से तैयार करती हैं साबुन

साबुन बनाने के कारोबार में सुमन के साथ गांव की 30 महिलाएं हैं, जो 10 तरह का साबुन बनाती हैं. इनमें चारकोल, बकरी दूध, नीम, ग्लिसरीन, एलोवेरा, तुलसी और अन्य वेरिएंट्स शामिल हैं. साबुन बनाने के लिए उन्हे वेरिएंट्स के अनुसार बेस की खरीदारी करनी पड़ती है.

बेस में नेचुरल इंग्रेडिएंट्स को मिलाकर वे साबुन तैयार करती हैं. अगल-अलग फ्लेवर के अनुसार साबुन बनाने में बकरी के दूध, चारकोल, ग्लिसरी और नीम के अर्क का इस्तेमाल किया जाता है. वेरिएंट्स के अनुसार साबुनों की कीमत 35 से लेकर 55 रुपए तक है. गौर करने वाली बात यह है कि फिलहाल इनकी पैकेजिंग और ब्रांडिंग नहीं की गई है.

यह है कमाई का गणित

बकौल सुमन, फंड के आभाव में उनका समूह फिलहाल लोकल स्तर पर ही कार्य कर रहा है. बावजूद उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है. सिर्फ शहद के कारोबार से वह हर महीने 40 हजार कमा लेती हैं. जबकि, सभी तरह के उत्पादों को मिलाकर दो-तीन महीने में कुल मिलाकर एक लाख तक की आमदनी हो जाती है. दूसरी ओर, एक महिला एक दिन में 30 से 40 साबुन बना लेती हैं. साबुन की बिक्री से हर महिला प्रतिदिन 250 रुपए तक कमा लेती है. कमाई का यही गणित मशरूम उत्पादन, मुर्गी पालन, अगरबत्ती निर्माण और अन्य चीजों पर भी है.

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