बंद करने पड़ते हैं सभी खिड़की-दरवाजे, बुझ न जाए कहीं ये चिराग! Bihar NDA की इनसाइड स्टोरी

हाइलाइट्स

सवालों में है पीएम मोदी की रैली से चिराग की दूरी.
हाजीपुर के बाद एक और सीट पर ठोक दिया दावा.
नीतीश से अदावत के बीच चिराग के मन में क्या है?

पटना. अंधेरों में बैठे रहने से कहां रोशन होते हैं चिराग, जलाना पड़ता है इन्हें रोशनी के लिए. कांपने न लग जाए कहीं लौ इन चिरागों की, आंधी-तूफान और तेज हवा के झोंकों से इन्हें बचाना पड़ता है. बंद करने पड़ते हैं सभी खिड़की दरवाजे, बुझ न जाए कहीं यह चिराग… एक कवि की लिखी यह कविता बिहार में एनडीए की सियासत और चिराग पासवान के तेवर को सटीक तरीके के बयां करती है. दरअसल, चिराग पासवान खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताते रहे हैं पर चिराग की लौ को तेल कहां से मिलेगा और चिराग कब तक जलता रहेगा, इस पर भी संशय है. बिहार में एनडीए की एक बार फिर सरकार बनने के बाद पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार बिहार पहुंचे और औरंगाबाद के साथ बेगूसराय में दो सभाएं कीं. प्रधानमंत्री की दोनों सभाओं में चिराग पासवान नदारद रहे. इसके बाद से ही राजनीतिक अटकलें तेज हो गई हैं.

बिहार में एनडीए घटक दलों के तमाम नेता इस सभा में मौजूद रहे पर खुद को हनुमान कहने वाले चिराग पासवान ही मौजूद नहीं थे. खास बात यह कि पीएम के कार्यक्रम में चिराग पासवान के चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस और प्रिंस पासवान, दोनों मंच पर मौजूद रहे. चिराग की पीएम की सभा में गैर मौजूदगी चिराग पासवान के भविष्य के लिए कई बातें संकेत करती हैं, जो बिहार में एनडीए की राजनीति के लिए भी सही नहीं कही जा सकती है.

बीजेपी और चिराग के बीच क्या है मुश्किल

चिराग पासवान ने बीजेपी के साथ गठबंधन में रहकर पिछला लोकसभा चुनाव जमुई से जीता था. 2024 लोकसभा चुनाव में अबतक लोजपा रामविलास की सीटें फाइनल नहीं होना चिराग के लिए सबसे मुश्किल है. चिराग जमुई के साथ हाजीपुर सीट पर भी दावा ठोके हुए हैं, जबकि चाचा पशुपति पारस ने हाजीपुर को लेकर अपनी पार्टी की दावेदारी पहले से ठोक रखी है, लेकिन भाजपा या एनडीए के नेताओं की ओर से अभी इसको लेकर कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं.

हाजीपुर के बाद एक और सीट पर चिराग का दावा

एक तरफ हाजीपुर सीट को लेकर चिराग लगातार बीजेपी पर दबाव बनाए हुए हैं, जबकि बीजेपी ने अब तक कोई वादा नहीं किया है. वहीं, चिराग पासवान ने एक और दावा कर भाजपा की टेंशन बढ़ा दी है. दरअसल, अब खगड़िया सीट पर लोजपा (R) के नेताओं ने दावा ठोक कर सियासी कयासबाजी का बाजार और गर्म कर दिया है. सीट शेयरिंग पर फंसे पे के बीच देखने वाली बात होगी कि एनडीए के अन्य दल खगड़िया सीट को लेकर क्या रुख अपनाते हैं.

नीतीश से नाराजगी एनडीए को कहीं न पड़ जाए भारी!

इतना ही नहीं चिराग पासवान के तेवर नीतीश कुमार को लेकर अभी भी नर्म नहीं पड़े हैं. माना जा रहा है कि औरंगाबाद या बेगूसराय की सभाओं में उनका नहीं होने की वजह यही है कि चिराग ने नीतीश को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है.बता दें कि हाल में जब बिहार में एनडीए की सरकार बनी थी तो चिराग पासवान ने इसका खुलकर समर्थन नहीं किया था. चिराग पासवान ने तब भी स्पष्ट तौर पर कहा था कि नीतीश कुमार की बहुत नीतियों में वो नीतीश के खिलाफ हैं और उन्होंने बीजेपी हाईकमान को इस बात की जानकारी भी दे दी है.

नीतीश की एंट्री से चिराग के लिए बढ़ गई मुश्किल
जाहिर है नीतीश कुमार के एनडीए में आ जाने से चिराग पासवान की मुश्किल और बढ़ गई है और वह लगातार अपनी नाराजगी अपने एक्शन से दिखा भी रहे हैं. हालांकि, भाजपा नेता चिराग पासवान के साथ लगातार सम्मानजनक व्यवहार रखे हुए हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि चिराग पासवान आगे क्या रुख अपनाते हैं और उनका आगामी सियासत के लिहाज से क्या फैसला सामने आता है.

Tags: Bihar NDA, Bihar politics, Chirag Paswan, CM Nitish Kumar, Loksabha Elections, Patna News Update, Prime Minister Narendra Modi

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