अर्पित बड़कुल/दमोह: बुंदेलखंड के अधिकांश कस्बों में बंजर जमीन होने के साथ-साथ फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता नहीं हो पाती है. इस कारण करीब 35% किसानों ने अब बहुवर्षीय फसलों की ओर रुख किया है. इन्हीं में से एक किसान चंद्रकांत पटेल हैं, जो दमोह के पथरिया ब्लॉक के रहने वाले हैं.
चंद्रकांत ने करीब 1 एकड़ में सहजन (मुनगा) की खेती करके सभी को चौंका दिया है. दरअसल, बुंदेलखंड अंचल में सहजन को मुनगा के नाम से जाना जाता है, जिसकी खेती इस इलाके में नहीं की जाती. चंद्रकांत पटेल इकलौते किसान हैं, जिन्होंने इसकी शुरुआत की है. साथ ही उन्हें अधिक मुनाफा भी हो रहा है.
50 हजार की लागत, अब लाखों का मुनाफा
किसान चन्द्रकांत ने बताया कि 1 साल पहले करीब 1 एकड़ में 50 से 60 हजार की लागत से उन्होंने सहजन की खेती की थी, जिसे बाजार में बेचने पर करीब 1 से 2 लाख रुपये का मुनाफा हो चुका है. फसल अब भी खड़ी है. इस खेती के रखरखाव में बहुत कम खर्च आता है. कम दवा का छिड़काव भी करना पड़ता है. ये वो फसल है, जिसे आप बंजर भूमि में भी कर सकते हैं.
एक बार करें खर्च 15 साल तक कमाई
दरअसल, सहजन को लोग एक बहुवर्षीय सब्जी देने वाली फसल मानते हैं. इस सब्जी का सेवन स्वास्थ्य को भी दुरुस्त रखता है. इसे आयुर्वेद में चमत्कारी औषधि भी कहा जाता है. इसकी खेती एक बार करने से आप घर बैठे 15 साल तक लाखों की आमदनी कर सकते हैं. इसके अलावा सहजन का पेड़ लगाने के बाद जो जमीन बचे उसमें हरी सब्जियों की खेती करके दोगुनी कमाई की जा सकती है.
इस समय शुरू करें खेती
इस फसल के लिए कम पानी की आवश्यकता पड़ती है. फसल की बुवाई के कुछ दिनों तक ही सिंचाई करनी होती है. जब पौधे बड़े होकर फल देने लगते हैं, तब इन्हें महीने में 1 बार ही पानी की जरूरत होती है. ग्रामीण इलाकों में सहजन का पौधा बिना किसी विशेष देखभाल के घरों के आसपास ही उग आता है. यदि आप भी इसकी खेती करना चाहते हैं, तो जुलाई से अक्टूबर माह मे इसकी शुरुआत कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 7, 2024, 19:03 IST