बंगाल में पहली बार रामनवमी पर रहेगी छुट्टी, BJP ने बताई ममता सरकार की ‘मजबूरी’

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार ने 17 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है. तृणमूल सरकार ने 2011 में राज्य की सत्ता में आने के बाद पहली बार रामनवमी पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है.

राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, आवश्यक सेवाओं को छोड़कर राज्य सरकार के सभी कार्यालय, उनके सहयोगी संगठन और उपक्रम 17 अप्रैल को बंद रहेंगे.

‘बीजेपी के दबाव में रामनवमी पर छुट्टी का फैसला’
इस बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि बीजेपी के दबाव में ममता बनर्जी की सरकार ने रामनवमी पर छुट्टी का फैसला लिया है. अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘यह पहली बार है कि राज्य सरकार ने चैत्र मास के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र के सम्मान में अवकाश की घोषणा की है. मैंने जनवरी में रामनवमी पर छुट्टी नहीं देने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की थी, आज राज्य सरकार को छुट्टी घोषित करने के लिए मजबूर होना पड़ा.’

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अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर किया प्रहार
वहीं भाजपा के आईटी सेल प्रमुख और पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने दावा किया कि ‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जो हर बार ‘जय श्रीराम’ के नारे सुनकर गुस्से से नीली हो जाती थीं, उन्‍होंने आखिरकार राज्य में रामनवमी को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है.’

मालवीय ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा, ‘ममता बनर्जी ने अपनी हिंदू विरोधी छवि को सुधारने के लिए ऐसा किया है. हालांकि बहुत देर हो चुकी है… इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रामनवमी के जुलूस पर पथराव न हो.’

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गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान पश्चिम बंगाल में रामनवमी जुलूसों को लेकर हिंसा की घटनाएं हुई हैं. पिछले साल रामनवमी जुलूस को लेकर कम से कम तीन जगहों से हिंसा की खबरें आई थीं, जिसकी जांच कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है. (IANS इनपुट के साथ)

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