दुर्गेश सिंह राजपूत/नर्मदापुरम: अपराधों के अनुसंधान में अब तेजी आएगी. साथ ही अब जल्दी ही फोरेंसिक जांच रिपोर्ट मिल सकेगी. इंदौर, भोपाल, सागर की तरह नर्मदापुरम मुख्यालय पर ही संभागीय रीजनल फोरेंसिक लैब (RFSL) बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. इसके लिए एसपीएम और फेफरताल के पास जमीन आवंटित कर दी गई है.
संभाग के नर्मदापुरम सहित हरदा, बैतूल जिले की पुलिस को गंभीर अपराधों के लिए फोरेंसिक जांच रिपोर्ट के लिए अब ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इसकी डिजाइन पीएचक्यू भोपाल से तय होगी. जानकारी के अनुसार, लगभग पांच एकड़ जमीन पर लैब बनाने की योजना है. अभी नर्मदापुरम संभाग के तीनों जिलों मे गंभीर अपराध में फोरेंसिक जांच कराने सैंपल सागर, भोपाल, इंदौर भेजे जाते हैं.
वैज्ञानिकों की टीम मौजूद रहेगी
नर्मदापुरम संभागीय मुख्यालय पर बनने वाली लैब अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होगी. इसमें पर्याप्त स्टाफ के साथ वैज्ञानिकों की टीम मौजूद रहेगी. लैब में डीएनए की जांच आदि करने की व्यवस्था की जाएगी. इससे पुलिस को अनुसंधान में परेशानी नहीं होगी. नर्मदापुरम संभागीय फोरेंसिक लैब के पास हरदा एवं बैतूल जिले का काम भी रहेगा. यहां से आए सैंपलों की जांच के बाद रिपोर्ट लैब जल्दी बनाकर देगी. इसके कारण पुलिस को अपराधों के अनुसंधान में ज्यादा समय नहीं लगेगा.
जल्द डिजाइन आ जाएगी
नर्मदापुरम एसपी डॉ. गुरकरन सिंह ने बताया कि इस संभागीय रीजनल फोरेंसिक साइंस लैब नर्मदापुरम के लिए एसपीएम और फेफरताल के बीच शासकीय जमीन मिल गई है. जल्द ही इसकी डिजाइन आ जाएगी. लैब तैयार होने से नर्मदापुरम संभाग के साथ हरदा और बैतूल जिलों की पुलिस को सुविधा मिलेगी. इस लैब के कारण पुलिस को अपराधों के अनुसंधान में ज्यादा समय नहीं लगेगा.
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FIRST PUBLISHED : January 4, 2024, 23:17 IST